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    Bollywood Drug Case: मीडिया ट्रायल के खिलाफ अभिनेत्री की याचिका पर केंद्र को नोटिस, HC ने मांगा जवाब

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Tue, 29 Sep 2020 02:31 PM (IST)

    याचिका में रकुल ने दावा किया है कि रिया चक्रवर्ती ने अपने पूर्व में दिए गए उस बयान को वापस ले लिया है जिसमें उनका नाम लिया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी मीडिया उसका नाम ड्रग से जोड़कर बदनाम कर रहा है।

    अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह की फाइल फोटो

    नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि उन्होंने रकुल की आपत्तियों के मामले में अब तक क्या कदम उठाए हैं। दरअसल, अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती से जुड़े ड्रग के मामले में नाम आने और इस पर मीडिया ट्रायल किए जाने के खिलाफ रकुल प्रीत सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उचित कदम उठाने की मांग की थी।

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    रकुल की याचिका पर न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती एवं पीसीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही पीठ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मीडिया संस्थान अपनी रिपोर्ट में संयम दिखाएंगे और रकुल के संबंध में कोई भी रिपोर्ट बनाते समय केबल-टीवी विनियमों, कार्यक्रम कोड और विभिन्न दिशानिर्देशों के साथ ही स्व-नियामक का पालन करेंगे। पीठ ने इसके साथ ही प्राधिकारियों को याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर अगली सुनवाई से पहले उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। यह पूरा मामला अभिनेता सुशांत सिंह राजपूर की खुदकुशी से जुड़ा है।

    अधिवक्ता अमन हिंगोरानी के माध्यम से दायर याचिका में रकुल ने दावा किया है कि रिया चक्रवर्ती ने अपने पूर्व में दिए गए उस बयान को वापस ले लिया है, जिसमें उनका नाम लिया गया था। लेकिन, इसके बावजूद भी मीडिया उसका नाम ड्रग से जोड़कर बदनाम कर रहा है। इसका असर उसके व्यवसायिक जीवन पर पड़ रहा है। सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट से कहा कि अभिनेत्री ने अपनी याचिका में किसी भी मीडिया हाउस का नाम नहीं लिया है।

    ऐसे मे बिना कोई शिकायत के किसी मीडिया हाउस के खिलाफ कैसे कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत केंद्र सरकार या प्रसार भारती या किसी अन्य संविधानिक संस्थान के पास भी नहीं की है। इस पर पीठ ने प्रसार भारती से कहा कि रकुल की याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर मीडिया में नाम उछाले जाने के मुद्दे पर रोक लगाने पर विचार करें।

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