कई सवालों को जन्म दे गई दिल्ली में राहुल की पीट-पीटकर की गई हत्या
राजधानी के नारायणा इलाके में मोबाइल चोरी के शक में राहुल नामक एक युवक की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में पुलिस चौकी के पास राहुल नाम के युवक की पीट-पीटकर की गई हत्या यह बताती है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं रहा। बता दें कि राजधानी के नारायणा इलाके में मोबाइल चोरी के शक में राहुल नामक एक युवक की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सबसे गंभीर बात यह है कि उन्मादी लोगों ने पुलिस चौकी से महज कुछ कदम की दूरी पर इस वारदात को अंजाम दिया। इससे पता चलता है कि हत्यारों को पुलिस का कोई खौफ नहीं था और वे युवक को पेड़ से बांधकर तब तक लोहे की रॉड व डंडे से पीटते रहे जब तक की उसकी जान नहीं निकल गई। एक व्यक्ति ने इसकी सूचना पुलिस को दी और उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
यहां पर बता दें कि इस तरह से कानून को हाथ में लेने की कोई यह पहली घटना नहीं है। देश के कई हिस्से से चोरी या किसी अन्य अपराध के शक में भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेने की खबरें आती रही हैं, लेकिन राजधानी में इस तरह की घटना चिंतित करने वाली है। यहां पर अपराधी इस तरह से बेखौफ कैसे हो सकते हैं। निश्चित रूप से इससे पुलिस की कार्य प्रणाली व सतर्कता पर भी सवाल उठता है।पिछले वर्ष इस तरह की घटना झारखंड के रामगढ़ में भी हुई थी। वहां चोरी के शक में तरबेज अंसारी नामक एक व्यक्ति की उन्मादी भीड़ ने हत्या कर दी थी। उस घटना को लेकर खूब राजनीति हुई थी। कुछ लोगों ने इसे सांप्रदायिक रंग देकर देश का माहौल खराब करने की भी कोशिश की थी। वहीं, राजधानी में हुई इस घटना पर न तो मानव अधिकार का झंडा बुलंद करने का दावा करने वाला कोई व्यक्ति या संस्था ने विरोध किया है और न ही किसी राजनीतिक दल ने। धर्म व जाति देखकर इंसाफ की मांग का दिखावा करना भी गलत है।
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