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    सुकून भरी नींद के लिए गैजेट व एप्स गा रहे हैं लोरी, जानें- क्या है खास

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Tue, 01 May 2018 01:49 PM (IST)

    सुकून भरी नींद के लिए अब मार्केट में ऐसे गैजेट व एप आ गए हैं जो न केवल नींद की स्थिति से आपको अवगत कराते हैं बल्कि गहरी नींद दिलवाने में भी सहायक साबित होते हैं।

    सुकून भरी नींद के लिए गैजेट व एप्स गा रहे हैं लोरी, जानें- क्या है खास

    गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। बचपन में मां की लोरियां कब गहरी नींद के आगोश में पहुंचा देती थीं, पता ही नहीं चलता था। आज चीजें बदल गई हैं, लाइफस्टाइल बदल रही है। दिमागी सुकून कहीं छिन गया है। न मां की लोरियों के सुर गूंजते हैं और न ही गहरी नींद आती है। टेक्नोलॉजी ने लोरियों का स्वरूप बदल दिया है। अब मां नहीं, गैजेट्स व एप्स इस तरह के सुर निकाल रहे हैं कि कुछ ही मिनटों में आपको गहरी नींद आ सकती है।

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    महानगर की जीवनशैली में लोगों की नींद का दारोमदार भी टेक्नोलॉजी पर आ गया है। सुकून भरी नींद के लिए अब मार्केट में ऐसे गैजेट व एप आ गए हैं जो न केवल नींद की स्थिति से आपको अवगत कराते हैं बल्कि गहरी नींद दिलवाने में भी सहायक साबित होते हैं। गैजेट्स में फिटनेस बैंड्स होते हैं जो कि सोते समय पहने जा सकते हैं।

    ये है प्रक्रिया

    टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट शारिक के मुताबिक इन बैंड्स पर लगे सेंसर नींद के प्रकार को नोट करते रहते हैं। उनके मुताबिक तीन प्रकार की नींद होती है। एक तो सामान्य नींद, एक गहरी नींद व एक सबकॉन्शस नींद। ऐसे में जो सबसे गहरी नींद होती है उसमें पल्स रेट सबसे कम होती है। यही पल्स रेट पूरी रात यह गैजेट रीड करता है और उसके बाद ब्लूटूथ से जुड़कर फोन के एप में इसका ग्राफ बनाकर ट्रांसफर कर देता है। इससे पता चल जाता है कि रात में किस तरह की नींद आती है। इसके बाद विभिन्न स्लीप एप्स काम करते हैं। इन एप्स से निकलने वाली मधुर ध्वनि उस फ्रीक्वेंसी की होती है जो सामान्यतः हमारे कानों को सुनाई नहीं देती लेकिन हमारे दिमाग को सुनाई देती है। ऐसे में हम गहरी नींद की अवस्था में पहुंच जाते हैं।

    किस तरह के होते हैं गेजेट्स

    यह गैजेट्स रिस्ट बैंड, आइपैड, ग्लव्ज व लाइट वाली घड़ी के रूप में आ रहे हैं। घड़ी के रूप में आने वाले गैजेट ल्यूमीबॉडी क्लॉक इस तरह की रोशनी निकालता है जो कि धीरे धीरे नींद को गहरा करती है। एप्स में काम एप, स्लीप साइकल अलार्म क्लॉक व स्लीप टाइम एप्स शामिल हैं। यह एप्स बेहतर नींद सुनिश्चित करते हैं। इतना ही नहीं, कुछ एप्स नींद को नियंत्रित भी करते हैं।

    अच्छी नींद के लिए एप्स व गैजेट्स काफी हिट हो रहे हैं

    शारिक का कहना है कि कुछ ग्लव्ज हैं जो कि पहनने वाले को गहरी नींद में नहीं जाने देते। सामान्य नींद से गहरी नींद में जाने की अवस्था को हिप्नोफेजिया कहा जाता है। इस हिप्नोफेजिया अवस्था को कंट्रोल कर ग्लव्ज आपको अचेतन अवस्था में जाने से रोकते हैं। नींद लाने वाले गैजेट व एप इन दिनों लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। भागदौड़ व तनाव भरे इस जीवन में अगर कुछ सुकून व स्वस्थ जीवन दे सकता है तो वह है एक अच्छी नींद। अच्छी नींद पाने के लिए एप्स व गैजेट्स काफी हिट हो रहे हैं। खासकर शहरों में इसकी मांग बढ़ रही है।

    नेचुरल तरीके से नींद लेने की कोशिश करें  

    टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट आरती का कहना है कि गुरुग्राम में अब टेक्नोलॉजी हर जगह आ गई है। स्लीप गैजेट्स अच्छे भी हैं और कहीं इनके नुकसान भी हो सकते हैं। वैसे अगर किसी को नींद की समस्या है तो उनके लिए यह गैजेट्स वरदान हैं पर जिस तरह आजकल युवा हर ट्रेंड को बिना जाने समझ फॉलो करते हैं, वह गलत है। इसकी आदत नहीं डालनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आप नेचुरल तरीके से नींद लें। 

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