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    मनोनीत सदस्य नहीं लिख सकते नाम के साथ पार्षद: निगम आयुक्त

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Wed, 28 Mar 2018 09:03 PM (IST)

    दिल्ली सरकार की सलाह पर उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के तीनों नगर निगम में 10-10 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। ...और पढ़ें

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    मनोनीत सदस्य नहीं लिख सकते नाम के साथ पार्षद: निगम आयुक्त

    नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली के तीनों नगर निगमों में मनोनीत हुए 10-10 सदस्य अपने नाम के साथ निगम पार्षद नहीं लिख सकते। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बैठक में निगमायुक्त मधुप व्यास ने साफ कर दिया है कि मनोनीत सदस्यों को पार्षद लिखने की इजाजत निगम का कानून नहीं देता।

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    नियमों को स्पष्ट करने की मांग

    दरअसल, सदन की बैठक में कांग्रेस की पार्षद सुदेश राणा ने अपने क्षेत्र में मनोनीत सदस्यों द्वारा पार्षद लगे होर्डिंग्स लगाने का मुद्दा उठाया था। जिसकी शिकायत उन्होंने होर्डिंग्स के फोटो के साथ महापौर से की थी। साथ ही कांग्रेस पार्षदों ने इस संबंध में नियमों को स्पष्ट करने की मांग भी की थी।

    पीछे की सीटों पर बिठाने का मुद्दा

    इस पर महापौर प्रीति अग्रवाल के आदेश के बाद निगमायुक्त ने साफ कर दिया कि मनोनीत सदस्य सदन में मनोनीत सदस्य के रूप में नियुक्त होते हैं। इसी बीच नेता सदन जयेंद्र डबास ने मनोनीत सदस्यों को विपक्ष के साथ बैठने की बजाय विपक्ष के पीछे की सीटों पर बिठाने का मुद्दा उठा दिया। जिस पर हंगामा होने लगा।

    सदन की कार्यवाही स्थगित

    आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा पार्षद आम आदमी पार्टी के पार्षद विकास गोयल पर एक व्यक्ति की हत्या में शामिल होने के आरोप वाले पोस्टर लेकर महापौर के आसन के समक्ष आ गए। जिस पर हंगामा देख महापौर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

    'आप' पार्षद 15 दिन के लिए निलंबित

    इस बीच 'आप' और भाजपा पार्षद एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। हालांकि, इसी बीच महापौर को लेकर अभद्र टिप्पणी करने पर 'आप' पार्षद रामनारायण को महापौर ने सदन से 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया। लेकिन, महापौर के आदेश के बाद भी निगम के मार्शल पार्षद रामनारायण को सदन से बाहर करने में विफल रहे।

    वोटिंग नहीं कर सकते मनोनीत सदस्य 

    बता दें कि दिल्ली सरकार की सलाह पर उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के तीनों नगर निगम में 10-10 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। यह सदस्य किसी दल के नहीं बल्कि अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप में मनोनीत होते हैं। जिन्हें सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने का अधिकार तो होता है, लेकिन वे किसी फैसले पर वोटिंग नहीं कर सकते।

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