फाइलों में अटकी है परिवहन कार्यालय स्थानांतरण की योजना
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : जनकपुरी स्थित परिवहन विभाग कार्यालय को पांच वर्ष पहले स्थानांतर
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : जनकपुरी स्थित परिवहन विभाग कार्यालय को पांच वर्ष पहले स्थानांतरित करने की योजना पर मुहर लग चुकी थी। इसके लिए पूरी तैयारियां हो चुकी थीं। अगले दिन इस भवन का हस्तांतरण ही तय था। इसके पहले की हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो। एक दिन पहले ही उस अधिकारी का तबादला का नोटिस थमा दिया गया। हालांकि, कार्रवाई पूरी होने तक किसी को इसकी भनक नहीं लगी थी। उच्च स्तर पर कार्रवाई हो रही थी। स्थानांतरण के आदेश की कापी मिलते ही उस अधिकारी से एक चूक यह हो गई कि उसने इसकी खुशी में मिठाई खाने का निमंत्रण कार्यालय के अधीनस्थ कर्मचारियों को दे दिया। इसके पहले अधिकारी अपने घर पहुंचे उसे रास्ते में बता दिया गया कि उसका तबादला कर दिया गया है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक चूंकि, दिल्ली परिवहन विभाग की वजह से इसी परिसर में सब रजिस्ट्रार का कार्यालय भी खुल गया। ऐसे में जनकपुरी स्थित डीडीए के इस भवन में सैकड़ों दुकानें खुल गई। ये दुकानें इसी दोनों विभागों के सहारे टिकी हुई हैं। इस वजह से दुकानों की कीमत भी अच्छी मिल रही है और किराया भी महंगा है। ऐसे में दुकानदारों ने ला¨बग कर इसे रुकवा दिया।
जनकपुरी स्थित दिल्ली विकास प्राधिकरण के इस तीन मंजिले भवन में नीचले तल पर दिल्ली परिवहन विभाग का लाइसें¨सग कार्यालय है। इसी के साथ सब रजिस्ट्रार का कार्यालय है। दोनों का प्रवेश द्वार एक ही है। शेष दो मंजिल निजी कार्यालय हैं। इस परिसर भवन के अलावा परिसर में भी काफी दुकानें है। परिसर के बाहर भी कमोबेश यही स्थिति है। चूंकि, लाइसेंस बनवाने के अलावा यहां पर जमीन की खरीद बिक्री के लिए भी लोग आते हैं ऐसे में यहां पर भीड़ भी बढ़ती जा रही थी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए इस कार्यालय के लिए जगह की तलाश शुरू हो गई। जनकपुरी परिवहन विभाग के लिए पहली बार जो जगह मिली उसे परिवहन विभाग ने क्लस्टर डिपो के लिए ले लिया। इसके बाद अधिकारियों ने तिलंगपुर कोटला के सामुदायिक केंद्र को चयन किया। तीन एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैले यह सेंटर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बन चुका था। इसलिए ग्रामीण भी इस कम्यूनिटी सेंटर से छुटकारा पाना चाहते थे। उन दिनों दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थी। ग्रामीण उनके जन्म दिन पर मिले और यह बात रखी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देने के साथ दिशा निर्देश जारी कर दिया। इसके बाद इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई। हस्तांतरण के तहत तय यह हुआ कि तिलंगपुर कोटला के इस कम्युनिटी सेंटर के मैदान को एक रुपये प्रति वर्ग फुट और भवन 10 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से किराया पर दिया गया। अक्टूबर 2012 में प्रक्रिया पूरी हो गई लेकिन हस्तांरण होते होते रह गया। फाइल दबकर रह गई।
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