संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा 21 विधायकों की संसदीय सचिव पद पर की गई नियुक्ति के
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार द्वारा 21 विधायकों की संसदीय सचिव पद पर की गई नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर अभी रोक नहीं लगाई जा सकती। मामले में केंद्र व दिल्ली सरकार को जवाब दाखिल करने दें। अब इस मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
अदालत में स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा ने जनहित याचिका दायर की है। संस्था के अध्यक्ष व अधिवक्ता रविंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239 के अनुसार दिल्ली सरकार में केवल सात मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। याचिका में बताया गया है कि 14 फरवरी 2015 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, जितेंद्र सिंह तोमर, संदीप कुमार, गोपाल राय, आसिम अहमद खान समेत कुल सात लोगों के साथ शपथ ली थी। इसके बाद हाल ही में सरकार ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव पद पर नियुक्त किया है। इन सभी सचिवों को मंत्री पद का दर्जा भी प्रदान किया गया है। वह सरकारी वाहन व अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो नियमों के खिलाफ है। इस बारे में केंद्र सरकार व उपराज्यपाल ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अदालत इन सभी संसदीय सचिवों की नियुक्ति को तुरंत रद करने के निर्देश जारी करे।
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