10/11 Attack: दिल्ली में विस्फोट से पहले फरीदाबाद में किया था धमाके का ट्रायल, एनआईए की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
दिल्ली में हुए 10/11 अटैक से पहले, आरोपियों ने फरीदाबाद में धमाके का ट्रायल किया था। एनआईए की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे पता चलता है कि हमले ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
सुधीर बैसला, दक्षिणी दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की जांच में अब बड़ी बात यह निकलकर सामने आई है कि सफेदपोश आतंकियों ने लालकिला के समीप 10/11 को हुए आत्मघाती हमले से करीब एक वर्ष पहले फरीदाबाद में विस्फोट का ट्रायल किया था। यह ट्रायल अलफलाह यूनिवर्सिटी से चंद किलोमीटर दूर क्रेशर जोन में किया गया था। आतंकियों ने धौज क्रेशर जोन को इस ट्रायल के लिए इसीलिए चुना, ताकि उससे होने वाले विस्फोट की आवाज जोन में होने वाले तीव्र शोर में दब जाए।
सीन रि-क्रिएशन में हुआ खुलासा
हाल में सीन रि-क्रिएशन के दौरान दिल्ली पुलिस और एनआइए की टीम डॉ. मुजम्मिल और डाॅ. शाहीन को लेकर क्रेशर जोन पहुंची थी। दोनों आरोपितों ने उस जगह की निशानदेही कराई और मौके से क्षतिग्रस्त स्टील पाइप के टुकड़े भी बरामद कराए।
इसी पाइप में अमोनियम नाइट्रेट व अन्य केमिकल मिलाकर विस्फोट किया था। एनआईए सूत्रों ने बताया कि आरोपित डाॅ. मुज्जमिल, डाॅ. शाहीन और आत्मघाती हमले में मारे जा चुके डाॅ. उमर नबी ने वर्ष 2024 में अलफलाह यूनिवर्सिटी के अंदर अमोनियम नाइट्रेट का प्रयोग करके विस्फोटक पाउडर तैयार किया था। जब विस्फोटक तैयार हो गया, तब उसकी तीव्रता मापने को ट्रायल की योजना बनी।
कई दिनों तक सुरक्षित जगह की तलाश करते रहे
पूछताछ के दौरान डाॅ. शाहीन ने उगला कि ट्रायल के लिए कई दिनों तक सुरक्षित जगह की तलाश होती रही। एक रात डा. उमर ने बताया कि उसे एक सुरक्षित जगह मिल गई है। तीनों ट्रायल से पहले धौज क्रेशर जोन में घूमने गए। जिस दिन ट्रायल हुआ था, उस दिन तीनों अरावली भ्रमण की आड़ में क्रेशर जोन पहुंचे। स्टील पाइप में विस्फोटक भरकर उसे एक चट्टान में फंसाकर विस्फोट किया। विस्फोट से चट्टान का एक हिस्सा बिखरा और पाइप भी फटकर दो हिस्सों में हो गया।
ट्रायल सफल होने के बाद तीनों कैंपस पहुंचे
बता दें कि फरीदाबाद धौज क्रेशर जोन में बड़े व भारी पत्थरों की तुड़ाई, पिसाई और धुलाई की मशीनें लगी है। यहां सौ से ज्यादा क्रेशर हैं, जिनमें तीन सौ से ज्यादा मशीनें हैं। ये जब चलती है तो बहुत शोर होता है। सफेदपोश आतंकियों ने ट्रायल को इसीलिए क्रेशर जोन चुना था, ताकि ट्रायल विस्फोट की आवाज शोर में दब-मिल जाए। ऐसा ही हुआ। ट्रायल सफल होने के बाद तीनों यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे और आकाओं को जानकारी दी थी।
पुलिस और इंटेलिजेंस की लापरवाही उजागर
10/11 के आत्मघाती हमले से पहले सफेदपोश आतंकियों द्वारा फरीदाबाद में विस्फोट ट्रायल करने की बात सामने आने के बाद एनआईए ने हरियाणा पुलिस और इंटेलिजेंस टीम को घोर लापरवाह माना है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा हरियाणा पुलिस के गृह विभाग, हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी व आइबी अधिकारियों से जवाबतलबी हो सकती है। दरअसल, इस जांच में जो नया तथ्य सामने आता है, उससे पीएम कार्यालय को अवगत कराया जाता है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस बात को गंभीर माना है कि आतंकी हरियाणा के फरीदाबाद में काफी समय पहले से धमाकों की योजना बना रहे थे, ट्रायल तक अंजाम दिया गया और देश का सुरक्षा तंत्र गहरी नींद में सो रहा था।

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