1 साल में ही उठा पिता और भाई का साया, जिम्मेदारियों ने पैदा की दुश्वारियां, फिर भी नहीं मानी हार, टीम इंडिया का नया स्टार अब बना करोड़पति
अपनी गेंदबाजी से इंटरनेशनल स्तर पर शुरुआत में ही छाप छोड़ने वाले आकाशदीप आईपीएल नीलामी में अब करोड़पति बन गए हैं। उन्हें लखनऊ सुपर जायंट्स ने आठ करोड़ में खरीदा है। बिहार से आने वाले इस गेंदबाज के लिए मुश्किलें कम नहीं रहीं लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार लड़ते रहे। इसका फायदा उन्हें मिला और अब वह दुनिया में छाने को तैयार हैं।
सतीश कुमार, सासाराम (रोहतास)। आईपीएल 2024 के लिए आठ करोड़ की कीमत लगने के बाद बिहार के रोहतास जिले के छोटे से गांव बड्डी के तेज गेंदबाज आकाशदीप एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। लखनऊ के सुपर जायंट्स ने सऊदी अरब के जेद्दा में हुए मेगा आक्शन में उनपर इतनी भारी भरकम राशि का दांव लगाया है। फिलहाल वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के बाद भारतीय टीम के सदस्य के तौर पर ऑस्ट्रेलिया में हैं।
आकाश तेज गति में बॉल को स्विंग करा बल्लेबाजों को छकाने में माहिर हैं। बुधवार को ऑस्ट्रेलिया से फोन पर हुई जागरण से विशेष बातचीत में आकाशदीप ने अपनी सफलता के राज साझा किए, जो नवोदित खिलाड़ियों के लिए प्रेरक हैं। उन्होंने कहा कि वे कोई टूर्नामेंट खेल रहे हों या नहीं, बॉलिंग का नियमित अभ्यास नहीं छोड़ते। प्रतिदिन पांच से छह घंटे के अभ्यास से बालिंग में निखार बना रहता है, इसी ने उन्हें आईपीएल के ऑक्शन में यह कीमत दिलाई है।
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अति आत्मविश्वास से बचना चाहिए
आकाश ने कहा कि सफलता के बाद अतिआत्मविश्वास से बचना चाहिए। बॉलिंग, बैंटिंग व क्षेत्ररक्षण का अभ्यास छोड़ना नहीं चाहिए। आकाशदीप ने कहा कि वे डायट का विशेष ध्यान रखते हैं। डायटिशियन की सलाह पर संतुलित भोजन करते हैं, स्वाद के चक्कर में नहीं पड़ते, यही उनकी फिटनेस का राज है। बिहार के छोटे से गांव से भारतीय टीम में चयन तक के संघर्ष के बारे में कहा कि जब वह 16 वर्ष के थे तो एक वर्ष के भीतर पिता व बड़े भाई का निधन हो गया। जीवन में एक खालीपन सा आ गया।
आकाशदीप ने कहा, "पिता रामजी सिंह शिक्षक थे, उन्होंने बड़े अरमान से मेरा नाम आकाशदीप रखा था। वे कहते भी थे कि जीवन में जो भी करूं, आकाश पर दीप की तरह रोशन होऊं। बचपन से मेरा जुनून क्रिकेट था, इसी क्षेत्र में पिता के सपने को पूरा करने की कोशिश की है।"
मां ने दिया साथ
मां लडुमा देवी ने भी पिता के सपने को पूरा करने के लिए भरपूर सहयोग किया। आकाशदीप ने कहा कि मेहनत के साथ उन्हें भाग्य का भी साथ मिला। बंगाल के दुर्गापुर से क्रिकेट का प्रशिक्षण लेने के दौरान ही चयनकर्ताओं का ध्यान पड़ा और बंगाल की अंडर 23 टीम में चुन लिया गया। शीघ्र ही रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने का सौभाग्य मिल गया।
दिसंबर 2019 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और फिर 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से आईपीएल खेलने का अवसर मिला। वर्ष 2024 के फरवरी में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए रांची में डेब्यू किया। कहा, देश के लिए क्रिकेट खेलने में गौरव की अनुभूति होती है, करोड़ों देशवासियों की आकांक्षा पूरी करने की चुनौती होती है। बिहार में क्रिकेट की बेहतरी के लिए आकाशदीप ने कहा कि यहां अच्छे प्रशिक्षक, प्रशिक्षण केंद्र व उच्चस्तरीय स्टेडियम विकसित करने की आवश्यकता है। राज्य में माहौल बनेगा तो कई अच्छे खिलाड़ी विश्वस्तर पर उभर सकते हैं।
आकाश के दादा होने का गौरव
गांव बड्डी में रह रहे आकाशदीप के बड़े दादा सेवानिवृत प्रधानाध्यापक भैरव दयाल सिंह बताते हैं कि आकाशदीप के क्रिकेट खेलने के जुनून ने परिवार को आर्थिक संकट से उबार दिया। वह शून्य से आकाश पर पहुंच गए हैं। उनका दादा होने पर गर्व की अनुभूति होती है। गांव के युवक विमलेंद्र सिंह कहते है कि आकाशदीप अपने राज्य व जिला से लेकर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। उनकी सफलता पर आज पूरे गांव का सिर ऊंचा है।
सासाराम में क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र से जुड़े हैं आकाशदीप
सासाराम के बेदा में संचालित एबी क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र से आकाशदीप जुड़े हुए हैं। यह प्रशिक्षण केंद्र उनके करीबी मित्र वैभव कुमार संचालित करते हैं। प्रशिक्षण केंद्र के मीडिया मैनेजर हरिओम बताते हैं कि आकाशदीप जब भी गांव आते हैं तो इस केंद्र में अवश्य आते हैं। वे यहां प्रशिक्षण ले रहे देश के विभिन्न राज्यों व स्थानीय खिलाड़ियों को बेहतर खेल तकनीक से अवगत कराते हैं। प्रशिक्षुओं के साथ खेलते भी हैं। सभी प्रशिक्षु उनके प्रदर्शन को देखकर काफी उत्साहित हैं।
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