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    35 का औसत फिर भी शुभमन गिल बने टेस्ट कप्तान, क्या वनडे की भी मिलेगी कमान? जानिए इनसाइड स्टोरी

    By abhishek tripathiEdited By: Abhishek Upadhyay
    Updated: Sun, 25 May 2025 08:00 AM (IST)

    रोहित शर्मा के बाद भारत की अपना अगला टेस्ट कप्तान मिल गया है और ये हैं शुभमन गिल। गिल को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है। लेकिन सवाल ये है कि सेलेक्शन कमेटी ने 35 का औसत होने के बाद भी गिल को क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप की कप्तानी क्यों सौंपी?

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    शुभमन गिल भारत के अगले टेस्ट कप्तान हैं

    अभिषेक त्रिपाठी, जागरण नई दिल्ली : सीनियर खिलाड़ियों के संन्यास के बाद बदलाव के दौर से गुजर रही भारतीय टीम के कप्तान तो शुभमन गिल बन गए लेकिन टेस्ट में केएल राहुल व ऋषभ पंत की मौजूदगी और क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में सिर्फ 35 का औसत होने के बावजूद उन्हें कप्तान क्यों बनाया गया, इसे समझना होगा।

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    सेना (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में गिल का प्रदर्शन औसत से कम रहा है, लेकिन बीसीसीआई की 'टू कैप्टन थ्योरी' उनके पक्ष में गई है। बीसीसीआई तीन प्रारूप (टेस्ट, वनडे और टी-20) में तीन कप्तान नहीं चाहता है। वह हमेशा से या तो एक कप्तान या अधिकतम दो कप्तान के पक्ष में रहा है।

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    पहले भी रही टू कैप्टन थ्योरी

    पहले महेंद्र सिंह धोनी तीनों प्रारूप में कप्तानी करते थे। फिर विराट टेस्ट के कप्तान बने और धोनी वनडे व टी-20 के कप्तान रहे। इसके बाद 2017 में विराट तीनों प्रारूप में भारत के स्थायी कप्तान बन गए। 2021 में दुबई में हुए टी-20 विश्व कप के बाद विराट ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप की कप्तानी छोड़ दी। सफेद गेंद का एक कप्तान और लाल गेंद का एक कप्तान बनाने के निर्णय के कारण विराट को वनडे की भी कप्तानी छोड़नी पड़ी।

    दोनों फॉर्मेट संभालने वाले की थी तलाश

    रोहित पहले दो प्रारूप में भारत के कप्तान बनें, फिर तीनों प्रारूप में वह टीम का नेतृत्व करने लगे। रोहित अब टी-20 और टेस्ट की कप्तानी छोड़ चुके हैं। टी-20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव हैं और टेस्ट टीम की कमान गिल को सौंप दी गई है। सितंबर में 35 साल के होने वाले सूर्या की अब टेस्ट टीम में जगह नामुमकिन है और वनडे में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। ऐसे में वह अधिकतम सिर्फ एक प्रारूप में कप्तान हो सकते हैं। ऐसे में बीसीसीआई को ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो अभी टेस्ट और आने वाले समय में टेस्ट व वनडे दोनों में कप्तानी कर सके।

    ये लोग रह गए पीछे

    बुमराह दो प्रारूप में लगातार खेलने में सक्षम नहीं थे, ऐसे में उनका नाम कट गया। कुछ समय पहले हार्दिक पांड्या को भी टी-20 के साथ वनडे की कप्तानी देने के बारे में सोचा जा रहा था, लेकिन बीसीसीआई को नहीं लगता कि वह 2027 तक दोनों प्रारूप में लगातार खेल सकते हैं। ऋषभ पंत की सिर्फ टेस्ट में जगह पक्की है। केएल राहुल पर कोई भी दोबारा दांव लगाने के पक्ष में नहीं था। ऐसे में सिर्फ गिल ही थे जो अभी टेस्ट और आने वाले समय में वनडे में भी कप्तानी कर सकते हैं।

    गिल ने 55 वनडे में 59.04 के औसत से 2775 रन बनाए हैं। वह सितंबर में सिर्फ 26 साल के होंगे। वह लंबे समय तक भारत का नेतृत्व कर सकते हैं। कोच गौतम गंभीर के अलावा मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और बीसीसीआई के भी कई दिग्गज उनको पसंद करते हैं। उनका टीम के साथी खिलाड़ियों के साथ व्यवहार भी अच्छा है। यही नहीं आईपीएल में उन्होंने गुजरात टायटंस का नेतृत्व करते हुए अपनी कप्तानी के जौहर भी दिखाएं हैं।

    ये सब चीजें उनके पक्ष में गईं। जब बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम ब्रिसबेन में वर्षा के बीच मैच बचाने की कोशिश कर रही थी और बार-बार मैच में बाधा आ रही थी, उस दौरान पूर्व कप्तान रोहित शर्मा व कोच गंभीर, उपकप्तान बुमराह की जगह गिल से जिस तरह चर्चा कर रहे थे, उसी दिन समझ आ गया था कि पंजाब का यह बल्लेबाज आने वाले समय में भारत का नेतृत्व करेगा।

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