Jasprit Bumrah का खौफ हो रहा कम! वसीम अकरम ने इस भारतीय गेंदबाज को बताया बेस्ट; और भी बहुत कुछ कहा
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने कमाल का प्रदर्शन किया। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में सिराज सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने 185.3 ओवर गेंदबाजी की और 23 सफलताएं प्राप्त कीं। सिराज ने 2 बार 5 विकेट हॉल भी लिया। वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते जसप्रीत बुमराह ने सीरीज में 3 मैच ही खेले।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में खत्म हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने कमाल का प्रदर्शन किया। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में सिराज सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
उन्होंने 185.3 ओवर गेंदबाजी की और 23 विकेट चटकाए। उन्होंने 2 बार 5 विकेट हॉल भी लिया। वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते जसप्रीत बुमराह ने सीरीज में 3 मैच ही खेले। ऐसे में सिराज ने गेंदबाजी की कमान संभाली।
बुमराह ने लोअर ऑर्डर को ढेर किया
पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन जब भारत को मैच जीतने और सीरीज बराबर करने के लिए चार विकेट चाहिए थे, सिराज ने आगे बढ़कर इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट कर टीम को छह रनों से रोमांचक जीत दिलाई। पाकिस्तान के महान गेंदबाज वसीम अकरम भी सिराज से प्रभावित हुए और उनके प्रदर्शन को हाल के दिनों में देखा गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बताया।
सिराज भूख और जुनून से भरे थे
अकरम ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से बातचीत में कहा, "जब मैं काम नहीं कर रहा होता हूं तो मैं शायद ही कभी क्रिकेट देखता हूं, लेकिन मैं आखिरी दिन तक चिपका रहा। सिराज भूख और जुनून से भरे थे। यह एक अविश्वसनीय प्रयास था। पांच टेस्ट मैचों में लगभग 186 ओवर गेंदबाजी करना और फिर भी आखिरी दिन इतना आक्रामक होना, उल्लेखनीय सहनशक्ति और मानसिक शक्ति को दर्शाता है। वह अब सिर्फ एक सहायक गेंदबाज नहीं हैं। वह आक्रमण का नेतृत्व कर रहे हैं और पूरे मन से कर रहे हैं। यहां तक कि जब ब्रूक का कैच छूट गया तब भी उन्होंने अपना ध्यान नहीं खोया। यही एक योद्धा की पहचान है। टेस्ट क्रिकेट जिंदा है और जोरदार प्रदर्शन कर रहा है।"
अकरम ने कहा कि वह हमेशा से ही भारत को 5वें दिन का प्रबल दावेदार मानते थे। पाकिस्तानी दिग्गज ने कहा, "मैंने पांचवें दिन भारत के जीतने की 60 प्रतिशत संभावना जताई थी। उन्हें बस एक विकेट की जरूरत थी। वोक्स के चोटिल होने और भारत के खतरे का अंदाजा होने के कारण, खेल शुरू हो गया था। सिराज ने इसे संभव बनाया।"
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