Sourav Ganguly Birthday: धोनी को नंबर-3 पर भेजना हो या कोहली से कप्तानी छीनना; गांगुली के 5 दादागिरी भरे फैसले
Sourav Ganguly Birthday सौरव गांगुली ने उस दौर में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली जब क्रिकेट में विश्वास डगमगा चुका था। लेकिन उन्होंने न सिर्फ टीम को संभाला बल्कि उसे लड़ना और जीतना सिखाया। आज उसी दादा का जन्मदिन है और पूरा क्रिकेट जगत उन्हें दिल से शुभकामनाएं दे रहा है। आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके 5 बोल्ड फैसले जिसे भूल पाना मुश्किल है।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Sourav Ganguly Birthday: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का आज जन्मदिन है। वह 53 साल के हो गए हैं। उन्हें क्रिकेट से संन्यास लिए हुए काफी समय हो चुका है, लेकिन 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' और 'रॉयल बंगाल टाइगर' नाम से मशहूर गांगुली को उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी और कप्तानी के लिए हमेशा याद किया जाता है।
गांगुली ऑफ साइड में इतने अच्छे शॉट लगाया करते थे कि उन्हें फैंस 'गॉड ऑफ द साइड' कहने लगे थे।
वहीं, गांगुली ने एक नई युवा टीम भी तैयार की देश जिसने विदेशी सरजमीं में जीतना सीखा। रिटायरमेंट के बाद गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मिली, जहां उन्होंने कई अहम फैसले लिए। आज उनके जन्मदिन पर बात करते हैं ‘दादा’ के 5 ऐतिहासिक फैसले, जिन्हें आज भी लोग भूल नहीं सकते हैं।
Sourav Ganguly Birthday: गांगुली के 5 ऐतिहासिक फैसले
1. एमएस धोनी को नंबर-3 पर भेजना
साल 2005 में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly Birthday) ने बतौर भारतीय टीम के कप्तान एक फैसला लिया था। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापट्टनम वनडे में पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) को नंबर-3 पर भेजा था। भारत की पारी की शुरुआत हो चुकी थी और ओपनिंग करने आए सहवाग-गांगुली।
जब पहला विकेट गिरा तो आमतौर पर नंबर-3 पर राहुल द्रविड़ या युवराज सिंह आते थे, लेकिन गांगुली ने हर किसी को हैरान करते हुए युवा एमएस धोनी को नंबर-3 पर भेजा।
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ये उनका एक रिस्क भरा फैसला जरूर था, क्योंकि धोनी अभी नए थे और शुरुआती पारियों में कुछ खास नहीं कर पाए थे, लेकिन गांगुली का ये फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ। जब धोनी ने 123 गेंदों में 148 रन की तूफानी पारी खेली। इस पारी से धोनी के करियर की दिशा ही बदल गई।
2. विराट कोहली को कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर?
जब सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तो उनका 2021-22 के दौरान एक विवादों में नाम आया, जब विराट कोहली ने पहले टी20 कप्तानी छोड़ी और फिर वनडे कप्तानी से हटाए गए और अंत में टेस्ट कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया।
कोहली ने टी20 कप्तानी से छोड़ने की घोषणा की, लेकिन उन्होंने कहा वह वनडे और टेस्ट में कप्तानी जारी रखेंगे, लेकिन कुछ महीने बाद बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को वनडे का कप्तान घोषित किया। विवाद ये रहा कि कोहली को कप्तानी छोड़ने का विकल्प नहीं दिया गया, बल्कि उन्हें हटाया गया। विराट ने इस मामले पर ये भी कहा था कि उन्हें कभी नहीं कहा गया कि वह टी20 कप्तानी ना छोड़े।
3. राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाने में अहम योगदान
जब रवि शास्त्री का कोचिंग कार्यकाल 2021 टी20 विश्व कप के बाद खत्म हो रहा था, तब बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में गांगुली ने एक ऐसे व्यक्ति की खोज की जो भारतीय क्रिकेट को अंदर से जानता था। इसके लिए उन्होंने राहुल द्रविड़ को चुना, उन्होंने भारत के लिए एक साथ लंबे समय तक भारत के लिए क्रिकेट खेला। गांगुली कप्तान रहे और द्रविड़ उपकप्तान- दोनों ने मिलकर टीम को कई मैच जिताए।
4. भारत में लाए डे-नाइट टेस्ट
जब सौरव गांगुली 2019 में BCCI अध्यक्ष बने, उन्होंने कुछ ही दिनों के अंदर घोषणा कर दी कि भारत जल्द ही अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेलेगा। साल 2019 में नवंबर 22 से 24 के बीच कोलकाता में खेली गई टेस्ट सीरीज जो कि बांग्लादेश के खिलाफ थी, उसमें भारत ने पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला। स्टेडियम को गुलाबी रोशनी से सजाया हुआ था और स्पेशल गेस्ट थे सचिन तेंदुलकर और ममता बनर्जी।
5. BCCI ने घरेलू क्रिकेटर्स की सैलरी बढ़ाई
जब सौरव गांगुली ने BCCI अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने कहा था कि घरेलू क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति सुधारना उनकी "सबसे बड़ी प्राथमिकता" होगी और उन्होंने ये वादा पूरा भी किया। ।BCCI की एपेक्स काउंसिल की बैठक के बाद पुरुष और महिला घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में बड़ा इजाफा किया गया।
नई सैलरी 2021-22 सीजन से जो लागू हुई, उसके अनुसार, सीनियर पुरुष खिलाड़ी को 40 से 60 हजार हर दिन, जबकि सीनियर महिला खिलाड़ी को हर दिन 20 हजार रुपये मिलने का फैसला लिया गया।
वहीं, 2019-20 सीजन में कोरोना महामारी के चलते सैयद मुश्ताक अली (T20) और विजय हजारे (वनडे) टूर्नामेंट ही हो सके थे। इसलिए BCCI ने ऐलान किया कि उस सीजन के लिए घरेलू खिलाड़ियों को 50% मैच फीस मुआवजे के रूप में देने का फैसला लिया।
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