Roger Binny: नेचर और डॅाग लवर हैं रोजर बिन्नी, आखिर क्या था बेटे से जुड़े उनका विवाद?
रोजर बिन्नी को बचपन से ही प्रकृति से लगाव रहा है। स्कूल के दिनों में बिन्नी को मछली पकड़ना काफी पसंद था। उन्हें घायल और मासूम कु्त्तों को बचाना और उनका इलाज कराना बिन्नी को अच्छा लगता है।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। बीसीसीआइ ने 1983 वर्ल्ड कप जीताने वाले टीम के सदस्य रोजर बिन्नी (Roger Binny) का अध्यक्ष बनने का ऐलान कर दिया है। उन्हें 36वां अध्यक्ष बनाया गया। वो पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के स्थान पर बोर्ड का अध्यक्ष पद संभालेंगे। 14 जुलाई 1955 में जन्मे रोजर बिन्नी, भारत के पहले एंगलो-इंडियन क्रिकेटर हैं। उनका परिवार मूल रूप से स्टॅाकलैंड का रहने वाला था। बाद में वो भारत आकर बसे थे।
प्रकृति से है रोजर बिन्नी का बेहद लगाव
रोजर बिन्नी को बचपन से ही प्रकृति से काफी लगाव रहा है। स्कूल के दिनों में बिन्नी को मछली पकड़ना काफी पसंद था। उन्हें घायल और मासूम कु्त्तों को बचाना और उनका इलाज कराना, अच्छा लगता है। उन्हें खाली समय में बांदीपुर स्थित अपने खेतों पर जाकर समय बिताना पसंद है। रोजर बिन्नी को कुत्तों से काफी लगाव है। जानकारी के मुताबिक, एमजीएम की मीटिंग से एक दिन पहले बिन्नी अपने खेत पर गए हुए थे। उनके खेत में एक हाथी ने उनके आम के पेड़ों को बर्बाद कर दिया था।
27 टेस्ट मैच खेल चुके हैं रोजर बिन्नी
अंततराष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो उन्होंने टेस्ट में डेब्यू 21 नवंबर 1979 में किया था। उन्होंने अपने करियर में 27 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 1534 रन बनाए हैं, वहीं, 47 विकेट भी झटके हैं। वहीं, रोजर बिन्नी ने 72 वनडे मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होंने 2260 रन बनाए हैं।
बेटे के साथ पक्षपात करने का लगा था आरोप
रोजर बिन्नी को साल 2012 में बीसीसीआई का चयनकर्ता चुना गया। उस समय उनके बेटे भी टीम इंडिया में खेलने के लिए दावेदार हो चुके थे। ऐसी स्थिति में रोजर बिन्नी पर पक्षपात के कुछ आरोप लगे। लेकिन रोजर बिन्नी ने अपने निष्पक्ष होने की ऐसी मिसाल पेश की, जिसके जितनी भी सराहना की जाए, कम है।
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