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लोकपाल ने राजीव शुक्ला के सहायक अकरम सैफी को दी क्लीन चिट, सभी आरोप गलत निकले

आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के सहायक अकरम सैफी को क्लीन चिट मिल गई।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 08:02 PM (IST)
लोकपाल ने राजीव शुक्ला के सहायक अकरम सैफी को दी क्लीन चिट, सभी आरोप गलत निकले
लोकपाल ने राजीव शुक्ला के सहायक अकरम सैफी को दी क्लीन चिट, सभी आरोप गलत निकले

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के लोकपाल और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने यूपीसीए के पूर्व सचिव और आइपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के सहायक अकरम सैफी को क्लीन चिट दे दी है।

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लोकपाल ने लगभग तीन महीने तक जांच के बाद पाया कि अकरम पर लगाए आरोप असत्य और तथ्यहीन हैं। यही नहीं आरोप लगाने वाले गाजियाबाद के क्रिकेटर राहुल शर्मा ने भी कहा है कि उन्होंने आरोप चयन नहीं होने की निराशा में लगाए थे। लोकपाल ने एक हिंदी न्यूज चैनल की रिपोर्ट और ऑडियो क्लिप को निराधार बताते हुए जांच को बंद कर दिया है।

दैनिक जागरण के पास मौजूद जांच रिपोर्ट के अनुसार लोकपाल ने 13 अगस्त को राहुल को बुलाया था। लोकपाल ने चैनल पर प्रसारित हुई वीडियो और ऑडियो क्लिप के साथ राहुल के पास मौजूद ऑडियो क्लिप को सुना। यहां पाया गया कि चैनल ने कई ऑडियो रिकॉर्डिग को मिलाकर अपने अनुसार प्रसारित किया था। जांच में यह भी पाया गया कि जिस जगह अकरम ने ऑडियो क्लिप में लड़की को भेजने की बात कही गई थी वहां कोई लड़की पहुंची ही नहीं थी। राहुल ने 26 जुलाई को एक हलफनामा दाखिल कर अपने सभी आरोप भी वापस लिए। उन्होंने हलफनामे में इस जांच को बंद करने की मांग भी की थी। हलफनामे में राहुल ने लिखा कि 18 जुलाई को एक चैनल द्वारा प्रसारित रिपोर्ट में मैं भी शामिल था। जहां मैंने अकरम और यूपीसीए पर चयन संबंधित कई गंभीर आरोप लगाए थे। मैं इन सभी आरोपों को वापस लेता हूं और आगे कोई जांच नहीं कराना चाहता हूं। मैं जांच समिति से मांग करता हूं कि इस मामले की जांच को बंद कर दिया जाए।

जब लोकपाल ने उनसे सभी आरोप वापस लेने की वजह जाननी चाही, तो उन्होंने कहा कि यह सभी आरोप उन्होंने उप्र की टीम में चयन नहीं होने की निराशा के कारण लगाए थे। उन्होंने यह भी बताया कि चैनल पर चली ऑडियो क्लिप गलत थी। उन्होंने कई बार अकरम से बात की थी और इन सभी बातचीत को मिलाकर दिखाया गया था। यूपी टीम में चयन मामलों में अकरम के शामिल होने के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया जाए। जब उनसे पूछा गया कि किसी ऐसे खिलाड़ी को जानते हैं जिनको लड़की मुहैया कराने की जगह टीम में चयन मिला हो, तो उन्होंने इन्कार कर दिया।

राहुल से बात करने के बाद लोकपाल ने यूपीसीए सचिव युद्धवीर सिंह और चयनकर्ताओं से भी बात की। इन सभी ने भी अकरम को बेदाग बताया। लोकपाल चाहते थे कि राहुल को यूपीसीए के बाकी लोगों के सामने बैठाकर जांच की जाए जिससे सही जांच हो सके। हालांकि राहुल ने एक पत्र भेजकर दोबारा आने से इन्कार कर दिया। उन्होंने लिखा कि वह 26 जुलाई को ही हलफनामा देकर सभी आरोप वापस ले चुके हैं। मैं इसके लिए आगे की कार्यवाही में आने में असमर्थ हूं। इसके बाद लोकपाल ने अकरम को सभी आरोपों से मुक्त करते हुए रिपोर्ट यूपीसीए के सचिव को सौंप दी।

दरअसल, यह पूरा मामला तब उठा था जब 18 जुलाई को एक हिंदी न्यूज चैनल पर राहुल नाम के क्रिकेटर ने अकरम पर उप्र क्रिकेट टीम में चयन के बदले लड़की मांगने के आरोप लगाए थे। इसके बाद बीसीसीआइ ने अकरम को उनके पद से भी हटा दिया था। हालांकि बीसीसीआइ ने जांच कराने से इन्कार किया था लेकिन यूपीसीए ने इसकी जांच कराने की घोषणा की थी।

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