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    IPL 2025: जिसे नहीं मिल रहा था खरीदार, वही बन गया बड़ा किरदार! रहाणे को कप्तान बनाकर KKR ने एक तीर से साधे हैं कई निशाने

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 07:00 AM (IST)

    इंडिया का त्‍योहार कहे जाने वाले आईपीएल के 18वें सीजन की 22 मार्च से शुरुआत हो रही है। पहले मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से होगा। यह मैच कोलकाता के ईडन गार्डन स्‍टेडियम में खेला जाएगा। हाल ही में कोलकाता नाइटराइडर्स ने अपने कप्‍तान के नाम का एलान किया था। अजिंक्‍य रहाणे को फ्रेंचाइजी की कमान सौंपी गई है।

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    पहले ही मैच में खेलती नजर आएगी कोलकाता। इमेज- एक्‍स

     विशाल श्रेष्ठ, जागरण, कोलकाता : पिछले साल नवंबर में हुई आईपीएल की नीलामी में उन्हें खरीदार नहीं मिल रहा था और आज वे गत बार की चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के कप्तान हैं, जिनके कंधों पर खिताब बचाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

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    36 साल के अजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाने के निर्णय ने सबको चौंकाया है। जिस टीम में पहले से सुनील नारायण, वेंकटेश अय्यर, आंद्रे रसेल व रिंकू सिंह जैसे टी20 स्पेशलिस्ट हैं, उसका कप्तान टेस्ट खिलाड़ी का टैग वाले नए-नवेले रहाणे को क्यों बनाया गया है? यह सवाल बहुतों के मन में है।

    1.5 करोड़ रुपये में खरीदा

    नीलामी के पहले दिन रहाणे को खरीदने में किसी फ्रेंचाइजी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। दूसरे दिन जब फिर से उनका नाम पुकारा गया तो केकेआर ने 1.5 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर उन्हें खरीद लिया। केकेआर से जुड़े सूत्र रहाणे को टीम में शामिल कर सीधे कप्तान बना दिए जाने को बेहद सोची-समझी रणनीति बता रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि केकेआर का टीम प्रबंधन कप्तानी के मामले में शुरू से अनुभव को महत्व देता आया है। पहले कप्तान सौरव गांगुली से लेकर ब्रेंडन मैकुलम, जैक कैलिस, गौतम गंभीर, इयान मोर्गन व दिनेश कार्तिक तक सभी बेहद अनुभवी रहे हैं। पिछले कप्तान श्रेयस अय्यर अपेक्षाकृत युवा जरूर थे, वहीं नीतीश राणा ने कार्यवाहक के तौर पर कुछ मैचों में कप्तानी की है।

    प्रमुख खिलाड़ियों को दबाव-मुक्त रखने की रणनीति

    टीम प्रबंधन वेंकटेश, नारायण, रसेल व रिंकू सिंह जैसे अपने सबसे प्रमुख खिलाडिय़ों पर कप्तानी का दबाव नहीं डालना चाहता था। वह विदेशी खिलाड़ी को कप्तान बनाने के भी पक्ष में नहीं था क्योंकि जब-जब विदेशी खिलाड़ियों के हाथों में कमान सौंपी गई, टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। मैकुलम, कैलिस और मोर्गन की कप्तानी में टीम खास प्रदर्शन नहीं कर पाई।

    केकेआर को तीनों बार देसी कप्तानों ने ही ट्रॉफी दिलाई है। 2012 व 2014 में गंभीर व 2024 में श्रेयस ने खिताब जिताया। टीम में अच्छे बल्लेबाजों व गेंदबाजों की कमी नहीं है। जरूरत है परिस्थितियों के मुताबिक उनका बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करने वाले कप्तान की। रहाणे इस भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं। रहाणे कप्तानी पर अच्छे से इसलिए भी ध्यान दे पाएंगे क्योंकि बल्लेबाज के तौर पर उनपर बहुत ज्यादा दबाव नहीं रहेगा।

    जैसे हालात, वैसा खेल

    रहाणे के बारे में एक अच्छी चीज यह है कि वे परिस्थितियों के मुताबिक बल्लेबाजी करने में माहिर हैं। रहाणे ने पिछली सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 164.56 के स्ट्राइक रेट व 58 से अधिक के औसत से सर्वाधिक 469 रन बनाए हैं। आईपीएल के दो सत्रों में राजस्थान रॉयल्स के लिए उन्होंने 500 से अधिक रन बनाए हैं। यहीं नहीं, आईपीएल में उनके दो शतक भी हैं यानी जरुरत के समय उनसे कप्तानी पारी की उम्मीद की जा सकती है।

    केकेआर का हिस्‍सा रह चुके रहाणे

    रहाणे को कप्तान बनाने में मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित की अहम भूमिका बताई जा रही है। चंद्रकात रणजी ट्रॉफी के बड़े कोच में से एक माने जाते हैं और रहाणे मुंबई के कप्तान हैं। रहाणे की केकेआर के साथ यह दूसरी पारी है। इससे पहले उन्होंने 2022 में केकेआर की तरफ से सात मैच खेलकर मात्र 133 रन बनाए थे। हालांकि आइपीएल में कप्तानी का रिकार्ड रहाणे के पक्ष में नहीं है। रहाणे इससे पहले राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स व राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी कर चुके हैं और दोनों में विफल रहे हैं।

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