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    Nitish Kumar Reddy Story: पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ी नौकरी, सिर्फ 6 गेंद न बदली किस्मत, आज ऑस्ट्रेलिया में हो रही है जय-जयकार

    Updated: Sat, 28 Dec 2024 04:03 PM (IST)

    भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच का तीसरा दिन भारत के नाम रहा और इसकी सबसे बड़ी वजह नीतीश कुमार रेड्डी रहे जिन्होंने शानदार शतक जमाया। इस शतक के बाद बीसीसीआई के पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने उनके बचपन के दिनों को याद किया है और उनकी कहानी बताई है। इस दौरान प्रसाद भावुक भी हो गए।

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    नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न में जमाया शतक

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए जब टीम इंडिया का सेलेक्शन हुआ था तो कुछ नामों को लेकर काफी हैरानी हुई थी। उनमें से एक नाम था नीतीश कुमार रेड्डी। आज यही नीतीश कुमार रेड्डी का नाम हर भारतीय की जुबान पर है और ऑस्ट्रेलिया में उनके नाम की गूंज है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में शतक जमाया है। इस शतक के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने उनके बचपन के दिन याद किए हैं।

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    प्रसाद ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए उन दिनों को याद किया जब नीतीश के पिता उनको प्रसाद के पास लेकर आए थे। प्रसाद ने नीतीश को मौका दिया और सिर्फ 6 गेंदों में ही उन्हें समझ में आ गया था कि इस खिलाड़ी में प्रतिभा है। प्रसाद ने बताया कि उनके पिता ने प्रसाद से कहा था कि उनके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं, लेकिन वह अपने बेटे को क्रिकेटर बनाना चाहते हैं।

    प्रसाद ने कहा, "जब नीतीश 11 साल के थे तब उनके पिता मेरे पास उनको लेकर आए और कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है, मैं अपने बेटे को आंध्र प्रदेश क्रिकेट को देना चाहता हूं। हमने उन्हें मौका दिया और सिर्फ 6-7 गेंदों में ये समझ में आ गया था कि उनमें प्रतिभा है। तब से नीतीश अपने परिवार से दूर रह रहने लगे और क्रिकेट खेलने लगे।"

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    पिता ने छोड़ी नौकरी

    नीतीश ने बताया कि उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए उनके पिता ने नौकरी छोड़ दी थी। एमएसके प्रसाद ने अंडर-12 और अंडर-14 आयु वर्ग में उनको खेलते देखा। प्रसाद ने ही नीतीश को आंध्र प्रदेश क्रिकेट एकेडमी में भर्ती कराया। यहां से फिर नीतीश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस एकेडमी में नीतीश को मधुसूदन रेड्डी और श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन में खेलने का मौका मिला। साल 2017-18 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उन्होंने 176 के औसत से 1237 रन बनाए। यहां से वह बीसीसीआई की नजरों में आ गए। बीसीसीआई ने उन्हें अंडर-16 के क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कर मिला। नीतीश नमन अवॉर्ड जीतने वाले अपने प्रदेश के पहले खिलाड़ी बने।

    इसके बाद नीतीश का नाम सभी ने आईपीएल में सुना। साल 2023 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें अपने साथ जोड़ा। इस साल सिर्फ दो मैच ही नीतीश के हिस्से में आए। 2024 में नीतीश का करियर बदल गया। इस साल नीतीश का बल्ला आईपीएल में जमकर चला। नीतीश ने 13 मैचों में 303 रन बनाए थे। इसी कारण उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टी20 टीम में चुना गया। यहां भी नीतीश अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे।

    विराट कोहली से मिली कैप

    नीतीश भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। एक समय था जब नीतीश, कोहली के साथ सेल्फी लेने के लिए तरसते थे, लेकिन अपनी मेहनत से उस मुकाम पर आए कि पर्थ टेस्ट मैच में जब उनका डेब्यू हुआ तो कोहली ने ही उन्हें कैप सौंपी। जाहिर तौर पर उनके लिए ये भावुक पल था। नीतीश ने शुरुआती तीनों मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की। वह तीन बार अर्धशतक के करीब पहुंचे, लेकिन चूक गए। शायद उनकी किस्मत एक बेहतरीन मंच और शानदार कहानी लिखने की तैयारी कर रही थी।

    एमसीजी के ऐतिहासिक मैदान पर बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच में नीतीश ने टीम इंडिया को मुश्किल स्थिति में से निकाला और पहला अर्धशतक पूरा किया। इस पारी को वह शतक में बदलने में सफल रहे। ये देख उनके पिता भी भावुक हो गए। वह स्टैंड में ही मौजूद थे और अपने बेटे को ऑस्ट्रेलियाई जैसी टीम से लोहा लेते देख रहे थे। शतक के बाद पूरे क्रिकेट जगत में नीतीश रेड्डी के नाम की गूंज है।

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