IND vs ENG सीरीज के वो विवाद जो बने सुर्खियां, गेंद बदलने से लेकर समय बर्बाद करने तक, खिलाड़ियों ने दिखाया रोद्र रूप
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच मैचों की सीरीज में रोमांच की कमी नहीं रही। पहले टेस्ट मैच के पहले दिन से लेकर आखिरी टेस्ट मैच के आखिरी दिन तक ये देखने को मिला। इस सीरीज में रोमांच ही नहीं था बल्कि थे विवाद भी। हम आपको इस सीरीज के पांच बड़े विवाद बता रहे हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज रोमांच से भरपूर रही। आखिरी दिन तक इन दोनों टीमों ने ऐसा खेल दिखाया कि पूरी दुनिया की नजरें ठहर गई थीं। अंततः सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही और दोनों टीमों के कप्तानों ने माना कि ये सीरीज का सही रिजल्ट है। रोमांच हर मैच में था और ऐसे ही थे विवादा।
इस सीरीज में विवादों ने भी जमकर तूल पकड़ा और ऐसा पकड़ा कि इस पर दुनिया भर में चर्चा होने लगी। फिर चाहे वो गेंद बदलने को लेकर रहा हो या इंग्लैंड टीम का समय बर्बाद करने के लिए नाटक करना रहा हो। हम आपको इस सीरीज के पांच बड़े विवादों के बारे में बताने जा रहे हैं।
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भारत और इंग्लैंड सीरीज के पांच बड़े विवाद
1. ड्यूक्स गेंद की क्वालिटी बनी बहस का मुद्दा
इंग्लैंड में ड्यूक्स गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। इस गेंद को लेकर हाल के कुछ समय में काफी विवाद रहा है जो भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में गहरा गया। इसे लेकर कंपनी के मालिक को भी बयान देना पड़ा था। सीरीज के दौरान ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता को लेकर गंभीर विवाद हुआ। गेंद के जल्दी नरम हो जाने और बार-बार बदले जाने की समस्या ने दोनों टीमों को परेशान किया। पूरी सीरीज के दौरान गेंद को जल्दी बदलने की शिकायतें आने लगी। अंपायर ने भारत की अपीलों को तो दरकिनार किया था और इंग्लैंड की बातों को माना था
2. लॉर्ड्स टेस्ट में गेंद को लेकर विवाद
लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान गेंद बदलने की प्रक्रिया ने बड़ा विवाद खड़ा किया। इंग्लैंड की पहली पारी में दूसरी नई गेंद 10 ओवर बाद ही खराब हो गई, और भारतीय टीम ने आरोप लगाया कि बदली गई गेंद नियमों के अनुसार उसी समय-सीमा की नहीं थी। भारत का मानना था कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को फायदा हुआ क्योंकि पुरानी गेंद में स्विंग और सीम कम हो गई थी। भारतीय टीम प्रबंधन ने इसे अनुचित लाभ माना। इस मैच में भारत को हार मिली थी और वह सीरीज 1-2 से पीछे हो गई थी।
3. मैनचेस्टर टेस्ट में स्टोक्स का हाथ न मिलाना
मैनचेस्टर टेस्ट मैच इंग्लैंड की गिरफ्त में था लेकिन रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने शतक जमाते हुए इंग्लैंड की पकड़ से मैच छीन लिया और मैच ड्रॉ करा दिया। चौथे टेस्ट के आखिरी दिन आखिरी सेशन में जब इंग्लैंड जीत की हालत में नहीं था तो कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रॉ के लिए जडेजा और सुंदर के सामने हाथ मिलाते हुए मैच ड्रॉ पर खत्म करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन दोनों ने इसे ठुकरा दिया क्योंकि दोनों अपने-अपने शतकों के करीब थे।
जडेजा और सुंदर ने शतक पूरे किए, लेकिन मैच ड्रॉ होने के बाद स्टोक्स रवींद्र जडेजा से हाथ नहीं मिलाया। इस बात का काफी हो हल्ला मचा। भारतीय कोच गौतम गंभीर ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को उनके शतक का हक मिलना चाहिए।
4. इंग्लैंड का समय बर्बाद करना
लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे मैच के तीसरे दिन जब खेल समाप्त होने में कुछ ही देर का समय बचा था इंग्लैंड के बल्लेबाज जैक क्रॉली ने जानबूझकर समय बर्बाद करने की रणनीति अपनाई ताकि इंग्लैंड को कम ओवर खेलने पड़े और विकेट बच सके। जसप्रीत बुमराह की एक गेंद उनके हाथ में लगी तो उन्होंने तुरंत फिजियो बुला लिया और बिना ईलाज किए वापस भेज दिया। ये बात भारतीय कप्तान गिल को रास नहीं आई और उन्होंने क्रॉली को जमकर सुनाई। करुण नायर, नीतीश कुमार रेड्डी की भी इसमें इंग्लैंड से बहस हो गई। बेन डकेट भी गिल से भिड़ गए और केएल राहुल भी बीच में आ गए।
5. इंजुरी सब्स्टीट्यूट नियमों गंभीर-स्टोक्स आमने-सामने
सीरीज के दौरान टेस्ट क्रिकेट में चोट के कारण इंजुरी सब्स्टीट्यूट के नियम पर भारत के कोच गौतम गंभीर और इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के बीच तीखी बहस हुई। स्टोक्स ने इस नियम को लेकर कहा कि इससे टीमें गलत फायदा उठा सकती हैं और मामूली चोटों का बहाना बनाकर नए खिलाड़ी को ला सकती हैं। गंभीर ने इसका समर्थन किया, लेकिन स्टोक्स ने इसे खेल की निष्पक्षता के खिलाफ माना। यह बहस टेस्ट क्रिकेट के नियमों पर व्यापक चर्चा का कारण बनी। ये मुद्दा चौथे टेस्ट मैच में ऋषभ पंत की चोटिल होने के बाद उठा था।
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