IND U19 vs PAK U19: ये तीसरी बार है वैभव सूर्यवंशी, ऐसे तो इंडिया खेलना हो जाएगा मुश्किल!
भारत के युवा सितारे वैभव सूर्यवंशी से अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन बाएं हाथ का ये बल्लेबाज फेल हो गय ...और पढ़ें
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वैभव सूर्यवंशी ने किया निराश
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। क्रिकेट में एक डायलॉग हमेशा सुना होगा- 'वो बड़े मैच का खिलाड़ी है।' विराट कोहली, युवराज सिंह, सचिन तेंदुलकर, जसप्रीत बुमराह, ऐसे तमाम नाम इस बात को कई बार साबित कर चुके हैं। बडे़ मैच का खिलाड़ी यानी जब बड़ा मैच हो या स्थिति ऐसी हो जहां टीम की साख दांव पर लगी हो तब ये खिलाड़ी अपना बेस्ट दे टीम को जीत दिलाते हैं। जैसे की आईसीसी टूर्नामेंट्स के मैच, एशिया कप के सेमीफाइनल, फाइनल और तमाम निर्णयाक मुकाबले।
कोई एक दिन में बड़े मैच का खिलाड़ी नहीं बनता। इसकी ट्रेनिंग अपने आप ही शुरू होती है और ये मैदान पर पसीना बहाने से ज्यादा दिमागी तैयारी की बात होती है कि खिलाड़ी बड़े मैच का दवाब कैसे झेलता है। अब नजर हाल ही में चमके एक नाम पर डालते हैं। ये नाम हैं वैभव सूर्यवंशी। महज 14 साल के इस लड़के ने आईपीएल-2025 में गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों पर शतक ठोक तहलका मचा दिया। एक से एक धुरंधर गेंदबाजों को जमकर कूटा, लेकिन बड़े मौकों पर वैभव अधिकतर बार फेल हुए।
अंडर-19 एशिया कप में तीन बार हुए फेल
बात ताजा उदाहरण की करते हैं। दुबई के आईसीसी क्रिकेट एकेडमी में अंडर-19 एशिया कप का फाइनल खेला जा रहा है। इस मैच में भारत के सामने है पाकिस्तान। भारत और पाकिस्तान का मैच किसी भी स्तर पर हो बहुत बड़ा होता है। इस मैच में पाकिस्तान ने भारत को 348 रनों का टारगेट दिया है। ये टारगेट हासिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वैभव जैसे बल्लेबाज को अपना रंग दिखाना चाहिए था और बड़े मौके पर वैभव फेल हो गए। उनके बल्ले से 10 गेंदों पर तीन छक्के और एक चौके की मदद से 26 रन निकले।
ये इस टूर्नामेंट में तीसरा मौका था जब वैभव बड़े मैच में फेल हुए। अब आप कहेंगे कि यूएई के खिलाफ पहले मैच में ही वैभव ने 171 रन ठोके थे, लेकिन यूएई बहुत बड़ी टीम नहीं है। उस टीम के खिलाफ वैभव ने शानदार पारी खेली इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बाद बड़ी टीमों के खिलाफ वैभव फेल रहे। यूएई के बाद जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच था तब वैभव के बल्ले से सिर्फ पांच रन निकले। श्रीलंका के खिलाफ सेमीफाइनल में बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सिर्फ नौ रन बनाए। फाइनल में उम्मीद थी कि वह बड़ी पारी खेलेंगे वो भी तब जब टीम को उनकी तूफानी बैटिंग की जरूरत थी, लेकिन वैभव ने फिर निराश किया।
करनी होगी और तैयारी
इसमें कोई शक नहीं है कि वैभव के बल्ले में दम है। उनमें काबिलियत है कि वह बड़े मंच पर तूफानी रफ्तार में रन बना सकें। इसी कारण उन्हें टीम इंडिया के भविष्य के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन इंटरनेशनल स्तर पर सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए वैभव को अपने आप को बड़े मंच और मैचों के लिए मानसिक रूप से तैयार करना होगा। ये कहा जा सकता है कि वह सिर्फ 14 साल के हैं, लेकिन क्रिकेट में उम्र मायने नहीं रखती और इसका सबसे बड़ा उदाहरण सचिन तेंदुलकर हैं।

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