ICC WTC Final: न दर्द देखा न दबाव, साउथ अफ्रीका के इन 5 जांबाजों ने लहराया परचम; ऐसे लिखी ऐतिहासिक जीत की कहानी
साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया है। किसी ने नहीं सोचा था कि चोकर्स कही जाने वाली ये टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को धूल चटा देगी। हालांकि टीम ने ये काम किया। जानिए इस ऐतिहासिक जीत के हीरो कौन रहे।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप-2025 के फाइनल के लिए जब साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की टीमों ने क्वालिफाई किया था तो किसी ने भी सोचा नहीं था कि चोकर्स के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका खिताब जीतेगी। अधिकतर लोगों ने ऑस्ट्रेलिया को जीत का सबसे बड़ा दावेदार बताया था। हालांकि, बाजी उलटी पड़ गई और टेम्बा बावुमा की कप्तानी वाली टीम ने पैट कमिंस की ऑस्ट्रेलिया को खिताब बचाने नहीं दिया। ये हुआ साउथ अफ्रीका की हार न मानने वाली आदत के कारण जिसके दम पर वह पहली पारी में पिछड़ने के बाद भी खिताब जीत ले गई।
1998 के बाद ये साउथ अफ्रीका की पहली आईसीसी ट्रॉफी है। इस टीम को चोकर्स कहा जाता है, क्योंकि पहले कई बड़े मौकों पर इस टीम को हार मिली या फिर किस्मत इससे रुठ गई है। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं हुआ। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर साउथ अफ्रीका ने चोकर्स का तमगा हटा दिया। वैसे तो इसमें पूरी साउथ अफ्रीकी टीम का योगदान रहा,लेकिन हम आपको उन पांच खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने आगे रहकर टीम की जीत की इबारत लिखी।
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साउथ अफ्रीका की जीत के पांच बड़े हीरो
टेम्बा बावुमा
क्रिकेट के मैदान पर किसी भी टीम की जीत में कप्तान का अहम रोल होता है। एक अच्छा कप्तान खिलाड़ियों का सही उपयोग करता है। उनका हौसला बढ़ाता है और अपने प्रदर्शन के दम पर आगे से टीम का नेतृत्व करता है। साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने इस मैच में सब कुछ किया। पहली पारी में जब उनकी टीम 138 रनों पर सिमट गई थी और ऑस्ट्रेलिया के पास 74 रनों की बढ़त थी तो बावुमा ने अपनी टीम को हार न मानने वाली सीख दी। अपनी रणनीति से उन्होंने गेंदबाजों का सही उपयोग किया और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर नहीं करने दिया।
जब बात रन चेज की आई तो बावुमा मुश्किल परिस्थितियों में खड़े रहे। लॉर्ड्स की पिच पर उन्होंने खूंटा गाड़ लिया। उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव भी हुआ, लेकिन वह एक पैर के दम पर बल्लेबाजी करते रहे। उनके रहने से एडेन मार्करम को सपोर्ट मिला और उन्होंने मैच विजयी पारी खेली। बावुमा और मार्करम की साझेदारी ने साउथ अफ्रीका को जीत के करीब पहुंचा दिया था। दर्द से तड़पते हुए बावुमा ने 66 रनों की जुझारू पारी खेली।
एडेन मार्करम
साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी की मुख्य कड़ी हैं एडेन मार्करम। इस बड़े मैच में उनके बल्ले का चलना बेहद जरूरी था और इस बल्लेबाज को भी पता था कि अगर टीम के माथे पर से चोकर्स का दाग हटाना है तो उन्हें अपने बल्ले का जौहर दिखाना होगा। शांति से मार्करम ने अपना काम किया और दूसरी पारी में 136 रनों की पारी खेली। मार्करम ने इस मैच में गेंदबाजी से भी अहम योगदान दिया। उन्होंने दोनों पारियों में एक-एक विकेट लिया। पहली पारी में उन्होंने स्टीव स्मिथ की अर्धशतकीय पारी का अंत किया। दूसरी पारी में मार्करम ने अपनी ऑफ स्पिन के जाल में जॉश हेजलवुड को फंसाया।
कगिसो रबाडा
साउथ अफ्रीका की ताकत उसकी गेंदबाजी थी और इसके अगुआ थे कगिसो रबाडा। दाएं हाथ के इस गेंदबाज ने इस मैच में कुल नौ विकेट लिए। पहली पारी में रबाडा ने पांच विकेट झटके तो वहीं दूसरी पारी में उन्होंने चार विकेट लिए। उनकी गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पैदा की और नतीजा ये रहा कि उसके दिग्गज से दिग्गज बल्लेबाज दबाव में बिखर गए।
लुंगी एंगिडी
रबाडा का बखूबी साथ दिया लुंगी एंगिडी ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उन्होंने जो स्पैल किया उसने साउथ अफ्रीका को मैच में वापस ला दिया। पहली पारी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था,लेकिन दूसरी पारी में एंगिडी ने कहर ढाया। वह तीन विकेट लेने में सफल रहे और ये तीन विकेट लेकर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की कमर तोड़ दी। उन्होंने स्टीव स्मिथ, बेयू वेबस्टर और पैट कमिंस को अपना शिकार बनाया।
मार्को यानसेन
रबाडा और एंगिडी के अलावा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को कमजोर करने में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मार्को यानसेन का अहम रोल रहा। उन्होंने पहली पारी में तीन विकेट लिए और दूसरी पारी में एक विकेट अपने नाम किया।
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