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    'घरेलू क्रिकेट खेलने का कोई मतलब है?' करुण नायर की अनदेखी पर भड़के भज्जी, जमकर निकाली भड़ास

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 09:37 PM (IST)

    विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने वाले करुण नायर को टीम में मौका नहीं मिला। इसे लेकर भारतीय टीम के स्टार स्पिनर हरभजन भड़क गए। उन्होंने सवाल किया कि क्या घरेलू क्रिकेट खेलने का कोई मतलब है। विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन में करुण नायर ने 8 पारियों में 389.50 के औसत से 779 रन बनाए। उन्होंने 5 शतक और 2 अर्धशतक लगाए थे।

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    करुण नायर का चयन ना होने पर भड़के हरभजन सिंह। फाइल फोटो

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बीसीसीआई ने शनिवार, 18 जनवरी को आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया। विजय हजारे ट्रॉफी में धाकड़ प्रदर्शन करने वाले करुण नायर की अनदेखी हुई है। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में भी मौका नहीं मिला। टीम का एलान होने के बाद पूर्व भारतीय दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह भड़क गए।

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    विदर्भ के अनुभवी बल्लेबाज और कप्तान करुण नायर मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार फॉर्म में हैं। वह भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी का रास्ता तलाश कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन को देखते हुए फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने बीसीसीआई को घेरा है। अब हरभजन सिंह ने इंग्लैंड और चैंपियंस ट्रॉफी के खिलाफ चुनी गई टीम को लेकर बीसीसीआई से सवाल पूछा है।

    घरेलू क्रिकेट खेलने का क्या मतलब

    हरभजन सिंह ने एक्स हैंडल पर लिखा, क्या घरेलू क्रिकेट खेलने का कोई मतलब है? जब आप खिलाड़ियों को फॉर्म और प्रदर्शन के आधार पर नहीं चुनते हैं?

    इससे पहले भी किया था नायर का समर्थन

    इससे पहले भी हरभजन सिंह ने करुण नायर का पक्ष लेते हुए अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था कि लोग रोहित-कोहली के घरेलू क्रिकेट खेलने की बात कर रहे हैं, लेकिन जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उन पर कोई बात भी नहीं कर रहा है। भज्जी ने आरोप लगाया था कि कई खिलाड़ियों का चयन सिर्फ दो मैचों के आधार पर होता है, कुछ का चयन सिर्फ आईपीएल के आधार पर होता है तो उनके लिए नियम अलग क्यों हैं?

    ऐसा रहा विजय हजारे में प्रदर्शन

    गौरतलब हो कि विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन में करुण नायर ने 8 पारियों में 389.50 के औसत से 779 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 5 शतक और 2 अर्धशतक लगाए हैं। हालांकि, विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में करुण का बल्ला नहीं चला। वह पहली बार 50 से कम के स्कोर पर आउट हुए। कर्नाटक के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उन्होंने 31 गेंद पर 27 रन ही बना पाए।

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