युसूफ पठान को लगा करारा झटका, गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले में पूर्व क्रिकेटर को पाया दोषी और छीन ली जमीन
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी युसूफ पठान को गुजरात हाई कोर्ट से झटका लगा है। युसूफ ने एक जमीन को लेकर वडोदरा म्यूनसिपल कॉरपोरेशन से मिले नोटिस के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट ने उनकी एक भी नहीं सुनी। कोर्ट ने पठान से जमीन वापस लेने के आदेश दिए हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात हाई कोर्ट ने भारत के पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान द्वारा दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने वडोरा म्यूनसिपल कॉरपोरेशन के उस नोटिस को चुनौती दी थी जिसमें उनसे उनके घर के पास 978 स्क्वायर मीटर के प्लॉट को खाली करने को कहा था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि युसूफ ने जमीन का अतिक्रमण किया है और वडोदार म्यूनसिपल कॉरपोरेशन से कानून के मुताबिक सख्त कदम उठाने की उम्मीद की जाती है।
पठान ने मांगी थी इजाजत
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद युसूफ पठान ने साल 2012 में वीएमसी से एक प्लॉट मांगा था। वीएमसी ने इस मामले में एक प्रस्ताव पास किया था जिसमें प्लॉट की कीमत 57,270 स्क्वायर मीटर के तहत बिना नीलामी के युसूफ पठान को बेचने की बात कही थी, लेकिन 2014 में राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद भी ये प्लॉट तीन साल तक युसूफ के पास ही रहा।
साल 2024 के लोकसभा चुनावों में युसूफ को पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से सांसद चुना गया। तब वीएमसी के एक सदस्य ने प्लॉट पर युसूफ की मिल्कियत पर सवाल उठाए। इसके बाद वीएमसी ने 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया के सदस्य इस खिलाड़ी को नोटिस जारी किया।
हाई कोर्ट के दरवाजे पहुंचे पठान
इस नोटिस के बाद युसूफ हाई कोर्ट पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि वह मार्कट के हिसाब से प्लॉट की कीमत देने को तैयार हैं। वीएमसी ने इसका विरोध किया और कहा कि एक इंटरनेशनल सेलिब्रिटी होने के नाते युसूफ को जमीन संबंधी नियमों को लेकर ज्यादा सतर्क रहना चाहिए।
याचिक पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मौना भट्ट ने पठान की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को प्लॉट अपने पास रखने का कोई हक नहीं है। इसी कारण कॉरपोरेशन ने जो कहा कि याचिकाकर्ता ने जमीन पर अतिक्रमण किया है है वह पूरी तरह से सही है।
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