IND vs ENG 1st Test: सीरीज के बीच इंग्लैंड के लिए आई बुरी खबर, तेज गेंदबाज का बीमारी से निधन
भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है। पहले टेस्ट के दूसरे दिन स्टंप तक इंग्लैंड ने पहली पारी में 3 विकेट खोकर 209 रन बना लिए हैं। तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले इंग्लैंड टीम के लिए बुरी खबर सामने आई।
तेज गेंदबाज का बीमारी से निधन। इमेज- एजेंसी, ईसीबी
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है। दूसरे दिन स्टंप तक इंग्लैंड ने पहली पारी में 3 विकेट के नुकसान पर 209 रन बना लिए हैं।
तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले इंग्लैंड के लिए बुरी खबर सामने आई। इंग्लैंड और ग्लूस्टरशायर के पूर्व तेज गेंदबाज डेविड सिड लॉरेंस का मोटर न्यूरॉन बीमारी से जूझते हुए 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
ईसीबी ने जताया दुख
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने डेविड लॉरेंस को श्रद्धांजलि अर्पित की। 1964 में ग्लूसेस्टर में जन्मे डेविड लॉरेंस को प्यार से "सिड" के नाम से जाना जाता था। 1988 में इंग्लैंड के लिए डेब्यू करते हुए लॉरेंस ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रफ्तार का लोहा मनवाया।
उन्होंने इंग्लैंड के लिए पांच टेस्ट और एक वनडे खेला। टेस्ट में उन्होंने 18 और वनडे में 4 विकेट चटकाए। न्यूजीलैंड में एक टेस्ट मैच के दौरान लगी भयानक घुटने की चोट के कारण लॉरेंस का इंटरनेशनल करियर 1992 में समाप्त हो गया।
Everyone at the ECB is deeply saddened to learn of the passing of David 'Syd' Lawrence MBE.
— England Cricket (@englandcricket) June 22, 2025
All of our thoughts are with David's family and friends during this difficult time.
2024 में बीमारी का पता चला
2024 में लॉरेंस को मोटर न्यूरॉन बीमारी का पता चला। क्रिकेट और समुदाय के लिए उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें 2025 के किंग्स बर्थडे ऑनर्स में MBE नियुक्त किया गया। इस साल की शुरुआत में उन्हें ECB के उद्घाटन मानद आजीवन उपाध्यक्षों में से एक नॉमिनेट किया गया। ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा, "डेविड 'सिड' लॉरेंस अंग्रेजी क्रिकेट के सच्चे पथप्रदर्शक और अपार साहस, चरित्र और करुणा के व्यक्ति थे।
रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा, "खेल पर उनका प्रभाव सीमा रेखा से कहीं आगे तक फैला हुआ था। एक तेज गेंदबाज के रूप में उन्होंने अपनी गति और जुनून से दर्शकों को रोमांचित किया। उन्होंने बाधाओं को तोड़ा और बदलाव को प्रेरित किया। अपनी बीमारी के बावजूद डेविड ने अपनी दृढ़ता और भावना से दूसरों का उत्थान करना जारी रखा। वह अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो क्रिकेट से प्यार करने वाले सभी लोगों के दिलों में हमेशा रहेगी। इस समय हमारी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और पूरे क्रिकेट समुदाय के साथ हैं।"
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