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    IND vs ENG: ईसीबी ने ट्रॉफी का नाम बदलकर किया बहुत गलत, मंसूर अली खान पटौदी के दोस्त ने निकाली भड़ास, कहा- कवर अप करने के लिए...

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 07:59 PM (IST)

    इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया है। इस बात से पटौदी के पुराने दोस्त काफी आहत हैं। उन्होंने इस फैसले को अनुचित बताया है और ईसीबी की जमकर आलोचना की है।

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    भारत और इंग्लैंड ट्रॉफी का बदला नाम

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होने से पहले दोनों देश के क्रिकेट बोर्ड ने एक फैसला किया था। फैसला ये था कि दोनों टीमों के बीच खेली जाने वाली सीरीज का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी किया जाएगा। ये हो भी गया। इसे लेकर भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने गुस्सा जाहिर किया है।

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    मंसूर अली खान पटौदी के करीबी दोस्त माने जाने वाले इंजीनियर ने इस कदम को अनुचित बताया है। इंजीनियर ने कहा है कि जो पचौदी पदक देने की बाद कही गई है वह सिर्फ समर्थकों को शांत करन के लिए है। इंग्लैंड ने साल 2007 में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज को पटौदी ट्रॉफी नाम दिया गया था जिसे इस बार बदल दिया गया है।

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    इंजीनियर हो गए निराश

    इंजीनियर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, "टाइगर पटौदी मेरे शानदार दोस्त थे। हमने साथ में काफी क्रिकेट खेली है। वो शानदार परिवार है। जब साल 2007 में उनके नाम पर ट्रॉफी का नाम रखा गया तो मैं काफी खुश था। एक ओर जब पटौदी का नाम ट्रॉफी से हटाया गया तो मैं काफी निराश था। मैं टाइगर का नाम देखना चाहूंगा, लेकिन इसके बजाए एंडरसन और सचिन के नाम ट्रॉफी करने का फैसला किया गया जो महान खिलाड़ी हैं।"

    कवर-अप करने के लिए लिया फैसला

    इंजीनियर ने कहा कि वह एंडरसने और सचिन का सम्मान करते हैं लेकिन चाहते हैं कि पचौदी कि विरासत सलामत रहे। उन्होंने कहा, "मेडल का नाम पटौदी के नाम पर रखना ये तो बाद में लिया गया फैसला है। उन्हें इस बारे में पहले ऐलान करना चाहिए था। इससे ज्यादा विश्वसनीयता बनती। लेकिन कम से कम उन्होंने कुछ तो किया। मुझे उम्मीद है कि पटौदी का नाम कायम रहेगा।"

    उन्होंने कहा, "पटौदी के समर्थकों को खुश करने के लिए ये कदम कवरअप करने के लिए उठाय गया। उनके समर्थकों में से मैं एक हूं, लेकिन सचिन और एंडरसन के नाम पर ट्रॉफी करने के लिए उन्हें दोष नहीं दिया जा सकता।"

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