बांग्लादेश ने खास बल्ले से की पावर-हिटिंग की प्रैक्टिस, बैट का नाम जान चौंक जाएंगे आप
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने हाल ही में जूलियन वुड को हेड कोच नियुक्त किया है। उन्होंने विमेंस और मेंस क्रिकेटरों को ट्रेनिंग दी। इस दौरान उन्होंने एक खास तरह के बल्ले का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में कोच के हाथ में छड़नुमा एक उपकरण दिखाई दे रहा है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने हाल ही में जूलियन वुड को हेड कोच नियुक्त किया है। उन्होंने मेंस और विमेंस क्रिकेटरों के पावर हिटिंग क्षमता को विकसित करने के लिए एक साख तरीके के बैट का इस्तेमाल किया। इस बैट को प्रोवेलोसिट बैट कहा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में कोच के हाथ में छड़नुमा एक उपकरण दिखाई दे रहा है। ऐसा कहा जाता है कि प्रोवेलोसिटी बैट हाथ-आंखों के समन्वय को विकसित करता है। साथ ही अनुक्रम और यांत्रिकी पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।
Power meets precision at BKSP! 💥
As part of the Bangladesh Women’s ODI World Cup 2025 preparation camp, Julian Wood has been with the team for six days, sharpening their power-hitting skills.
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— Bangladesh Cricket (@BCBtigers) August 14, 2025
स्पीड हासिल करने का बताया तरीका
यदि डबल क्लिक की आवाज सुनाई देती है तो इसका मतलब है कि उन्होंने प्रतिरोध को पार करने के लिए उचित स्विंग यांत्रिकी और पर्याप्त बल्ले की गति का पालन किया है, जिससे बैरल को बल्ले के अंत तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
बांग्लादेश महिला टीम के बल्लेबाजी कोच नसीरुद्दीन फारुक ने इस नवीन अवधारणा पर टिप्पणी की और महसूस किया कि यह उन खिलाड़ियों के लिए अच्छा होगा जो अपनी रेंज-हिटिंग क्षमता में सुधार करना चाहते हैं।
तकनीकी खामियों पर किया गया काम
क्रिकबज के अनुसार फारूक ने कहा, अगर बल्लेबाजों की बल्ले की गति तेज नहीं है या उनकी तकनीक में खामियां हैं, तो वे बैरल को शाफ्ट के नीचे तक स्लाइड करने के लिए पर्याप्त शक्ति उत्पन्न नहीं कर पाएंगे और परिणामस्वरूप केवल एक क्लिक ही मिलेगा। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा तरीका है। अवधारणा वही है, लेकिन मूल रूप से, हमने पहले ऐसा नहीं किया है।
फारूक ने आगे कहा, मैं वुड से इस बारे में पूछ रहा था- हम उपमहाद्वीप में बेसबॉल की तुलना में गोल्फ की गेंदें ज्यादा पसंद करते हैं। मीरपुर की पिचों पर कलाई का काम बेहद अहम होता है। मैंने भारतीय गेंदबाजों का उदाहरण दिया- वे कलाई की सीमा के भीतर ही गेंद उठाते हैं। लेकिन अगर आप उछाल वाली पिचों पर जाते हैं, तो बेसबॉल शैली का क्षैतिज बैट स्विंग काम आता है। मैं यही सवाल पूछ रहा था, और वह इस पर सहमत हुए।
बड़े टूर्नामेंटों की तैयारियों में मिलेगी मदद
बांग्लादेश और बांग्लादेश महिला टीम के अगले बड़े टूर्नामेंट क्रमशः एशिया कप और टी20 विश्व कप हैं। दोनों टूर्नामेंट सितंबर में शुरू होंगे। इन दोनों ही टूर्नामेंट में टीम बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगी।
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