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    बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग को दंडनीय अपराध घोषित करने का किया समर्थन

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 11:42 PM (IST)

    बीसीसीआई ने कर्नाटक के मैच फिक्सिंग से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पक्षकार बनने का अनुरोध करते हुए यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट आजकल इस मामले में मैच फिक्सिंग को अपराध माना जाए या नहीं, इस पर विचार कर रहा है। 

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    बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग को दंडनीय अपराध घोषित करने का किया समर्थन।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग को दंडनीय अपराध (क्रिमिनल आफेंस) घोषित करने का समर्थन किया है। बीसीसीआई का कहना है कि मैच फिक्सिंग स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी का अपराध है, क्योंकि इसमें धोखाधड़ी के सभी तत्व शामिल होते हैं।

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    बीसीसीआई ने कर्नाटक के मैच फिक्सिंग से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पक्षकार बनने का अनुरोध करते हुए यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट आजकल इस मामले में मैच फिक्सिंग को अपराध माना जाए या नहीं, इस पर विचार कर रहा है।

    KPL T20 से जुड़ा है मामला

    सुप्रीम कोर्ट के सामने जो मामला है, वह कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) टी-20 टूर्नामेंट से जुड़ा है। इसमें कर्नाटक पुलिस ने मामला दर्ज किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने मैच फिक्सिंग को धोखाधड़ी नहीं माना था और आरोप रद कर दिए थे। हाई कोर्ट के उस आदेश को कर्नाटक सरकार और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 2022 से लंबित है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा था कि मैच फिक्सिंग का देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। कोर्ट ने इस मामले में वकील शिवम सिंह को न्यायमित्र नियुक्त किया है।

    गुरुवार को हुई सुवाई

    गुरुवार को मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगा था। इस दौरान शिवम सिंह ने बताया कि बीसीसीआई ने मामले में पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है। कोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर बीसीसीआई को पक्षकार बना लिया।

    बीसीसीआई ने अर्जी में कहा कि मैच फिक्सिंग में धोखाधड़ी के सभी तत्व शामिल होते हैं। जैसे- छल, धोखाधड़ी या बेईमानी को प्रेरित करना, जानबूझकर किसी नुकसान या क्षति पहुंचाने वाली कोई चीज करना या करने के लिए प्रेरित करना।

    बीसीसीआई ने यह भी कहा कि दर्शक मैच देखने के लिए पैसा खर्च करते हैं और प्रायोजक लीग, टीमों, व्यापारिक वस्तुओं आदि में भी पैसा लगाते हैं। इसलिए मैच फिक्सिंग आइपीसी की धारा-420 के तहत दंडनीय है। बीसीसीआई ने कहा कि विधि आयोग ने 2018 की अपनी 276वीं रिपोर्ट में मैच फिक्सिंग और खेल धोखाधड़ी को कड़ी सजा के साथ दंडनीय अपराध बनाने की सिफारिश की थी।

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