IND vs PAK: आगे भी कड़ा रुख अपना सकती है भारतीय टीम, सुपर-4 और फाइनल में नहीं मिलेंगे हाथ!
एशिया कप-2025 में ग्रुप चरण के मैच में भारत के पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का फैसला विवाद का कारण बना हुआ है। पाकिस्तान इस कदम से आग बबूला हो गया है। ये दोनों टीमें सुपर-4 में भी दोबार भिड़ सकती हैं और टीम इंडिया उस मैच में भी हाथ न मिलाने की नीति अपनाएगी।

अभिषेक त्रिपाठी, जागरण दुबई : पाकिस्तान के विरुद्ध रविवार को हुए एशिया कप के मुकाबले के शुरु होने से पहले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाया और मैच शीट की अदला-बदली नहीं की। सात विकेट से मैच जीतने के बाद पूरी भारतीय टीम ने विपक्षी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया।
इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भड़का हुआ है लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगर सुपर-4 और फाइनल में फिर पड़ोसी देश की टीम से मुकाबला होता है तो वह इसी तरह का रुख आगे भी अपना सकती है।
खेल भावना के विरुद्ध नहीं
मैच के बाद सूर्यकुमार ने साफ कहा कि यह कदम खेल भावना के विरुद्ध नहीं बल्कि पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए 26 निर्दोष लोगों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उठाया गया। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें खेल भावना से भी ऊपर होती हैं। हम अपने सहस्त्र बलों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं। यह जीत हम उन शहीदों को समर्पित करते हैं।
हेड कोच गौतम गंभीर ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। उनका निजी रुख पहले से ही यह रहा है कि जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद जारी है, तब तक खेल संबंध सामान्य नहीं हो सकते। टीम प्रबंधन और बीसीसीआई के बीच चर्चा के बाद खिलाड़ियों को मैच के बाद हाथ न मिलाने का निर्देश दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि सामूहिक था। पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी ने भले ही आईसीसी में आधिकारिक शिकायत दर्ज करके मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने की मांग के साथ आईसीसी आचार संहिता और एमसीसी के 'स्पिरिट आफ क्रिकेट' नियमों के उल्लंघन की दुहाई दे रहे हों लेकिन भारतीय टीम और बीसीसीआई को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
पीसीबी ने लगाए आरोप
पीसीबी का यह भी आरोप है कि टॉस के समय पायक्राफ्ट ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से कहा कि वह भारतीय कप्तान से हाथ न मिलाएं। पाकिस्तानी टीम मैनेजर नावेद चीमा नग एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) से शिकायत में कहा कि भारतीय खिलाड़ियों का रवैया गैर पेशेवर था और इसी कारण पाकिस्तान के कप्तान ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह का बहिष्कार किया।
सुपर-4 में क्या होगा
अगर पाकिस्तानी टीम सुपर-4 के लिए क्वालीफाई करती है तो अगले रविवार को उसका मुकाबला फिर भारतीय टीम से हो सकता है। इसके बाद इन दोनों के 28 सितंबर को होने वाले फाइनल में भी भिड़ने की उम्मीद है। बीसीसीआई के पदाधिकारी से जब पाकिस्तान के विरुद्ध आगे के मैचों में भारतीय टीम के रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नियमों के दायरे में जो भी होगा वह किया जाएगा।
फाइनल में जीतने की स्थिति में एसीसी अध्यक्ष और पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये देखा जाएगा कि कैसे ट्रॉफी लेनी है। कहां पर खड़ा होना है। उन्होंने संकेत दिया कि कि भारत ने सिर्फ मैदान पर नहीं बल्कि प्रोटोकाल स्तर पर भी पाकिस्तान से दूरी बनाए रखने का मन बना लिया है। इसी साल दुबई में पाकिस्तान की मेजबानी में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के समारोह में भी पड़ोसी देश का कोई प्रतिनिधि नहीं था। भारतीय टीम ने वह ट्रॉफी जीती थी।
नियम नहीं टूटा
बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि विपक्षी खिलाड़ियों से हाथ मिलाना कोई अनिवार्य नियम नहीं है। यह केवल एक परंपरा और शिष्टाचार है। एमसीसी की नियम पुस्तिका में कहीं भी यह नहीं लिखा कि खिलाड़ियों को विपक्षी टीम से हाथ मिलाना जरूरी है। यह सिर्फ एक परंपरा है। यदि संबंध तनावपूर्ण हों तो इस परंपरा को न निभाना कोई उल्लंघन नहीं है।
क्यों खेला पाकिस्तान से मैच
पाकिस्तान से खेलने का निर्णय भारत सरकार की नीति के अंतर्गत आता है। सरकार का रुख यह है कि बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंटों (जैसे एशिया कप या विश्व कप) में भारत पाकिस्तान के विरुद्ध खेलेगा, लेकिन द्विपक्षीय सीरीज संभव नहीं होगी। इस नीति के पीछे रणनीतिक कारण भी हैं। क्रिकेट को 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक कार्यक्रम में शामिल किया गया है और भारत 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स तथा 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना चाहता है।
यदि भारत पाकिस्तान से खेलने से इन्कार करता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है और बड़े आयोजनों की मेजबानी की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसीलिए भारत एशिया कप और विश्व कप जैसे टूर्नामेंटों में पाकिस्तान से खेलेगा, लेकिन खिलाड़ियों और प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि 'मैदान के बाहर' किसी तरह की दोस्ती या सौहार्द्र की उम्मीद न की जाए। -
हाथ न मिलाने के मायने
भारतीय खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने के निर्णय के पीछे स्पष्ट संदेश है कि खेल से बढ़कर देश की सुरक्षा और शहीदों की सम्मान है। पीसीबी भले ही इस मामले को आईसीसी तक ले गया हो पर बीसीसीआई और भारतीय टीम अपने फैसले पर अडिग है।
पहले भी होता रहा है ऐसा
2023 विंबलडन में यूक्रेन की एलीना स्वितोलिना ने बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका से हाथ नहीं मिलाया था। स्वितोलिना ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह रूस और बेलारूस के किसी खिलाड़ी से हाथ नहीं मिलाएंगी। विंबलडन अधिकारियों ने इस पर किसी तरह की सजा नहीं दी थी। हालांकि अमेरिका और ईरान जैसे कटु संबंधों वाले देशों ने फुटबॉल विश्व कप में आपसी हाथ मिलाकर खेल भावना का परिचय दिया था।
यानी परंपरा निभाने या न निभाने का फैसला पूरी तरह खिलाड़ियों और उनकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है। 2023 में दिल्ली में हुए मुकाबले के दौरान टाइम आउट विवाद के बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश के खिलाड़ियों के साथ भी वैसा ही किया था जैसा भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किया।
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