Asia Cup Countdown: जब बांग्लादेश से हारते-हारते बचा भारत, सांसें रोक देने वाले मैच में चोटिल बल्लेबाज ने दिलाई थी टीम इंडिया को खिताबी जीत
कुछ ही दिनों में एशिया कप-2025 की शुरुआत हो जाएगी और पूरी दुनिया की नजरें इस पर होंगी। ये टूर्नामेंट भारत के लिए काफी सफल साबित हुआ है। हम आपको इस टूर्नामेंट के एक ऐसे मैच की कहानी बताने जा रहे हैं जहां भारत को जीत के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। एशिया कप-2025 कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। ये टूर्नामेंट में अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। भारत जाहिर तौर पर एक बार फिर खिताब के दावेदार के तौर पर उतरेगी। टीम इंडिया आठ बार ये खिताब अपने नाम कर चुकी है। इस दौरान एशिया कप में कई शानदार मैच खेले हैं। हम आपको आज ऐसे ही एक मैच के बारे में बताएंगे जहां बांग्लादेश ने भारत के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी।
ये मैच साल 2018 में खेले गए एशिया कप का फाइनल था। बांग्लादेश ने महज 222 रन बनाए थे और लग रहा था कि भारत के लिए ये जीत आसान होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बांग्लादेश ने भारत के लिए परेशानी पर परेशानी खड़ी कर दी।
भारत और बांग्लादेश एशिया कप-फाइनल
भारत ने इस रोमांचक फाइनल में बांग्लादेश को तीन विकेट से मात दी थी। ये उसका सातवां एशिया कप का खिताब था। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल में एक रोमांचक मैच के सभी पल मौजूद थे। पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश टीम की बल्लेबाजी बिखर गई थी। उसने किसी तरह लिटन दास के शतक के दम पर 200 का आंकड़ा पार किया था। लिटन दास ने 117 गेंदों पर 121 रनों की पारी खेली थी। ये उनका पहला वनडे शतक था।
मेहेदी हसन मिराज के साथ मिलकर दास ने टीम को अच्छी शुरुआत दी थी। लेकिन जैसे ही मिराज 120 के कुल स्कोर पर आउट हुए भारतीय गेंदबाज हावी हो गए और लगातार विकेट लेने लगे। कुलदीप यादव, केदार जाधव की फिरकी ने बांगलादेशी बल्लेबाजों को फंसा लिया। नतीजा ये रहा कि टीम 222 रनों पर ऑल आउट हो गई।
भारतीय टीम का चेज
भारत को जीत के लिए चाहिए थे 223 रन जो उसकी मजबूत बल्लेबाज को देखते हुए आसान थे। इस एशिया कप में विराट कोहली नहीं थे तो रोहित कप्तानी कर रहे थे और अंबाती रायडू को नंबर-3 पर बल्लेबाजी का मौका मिला था। रोहित और शिखर धवन ने पहले विकेट के लिए 35 रन ही जोड़े। धवन 15 रन बनाकर आउट हो गए। रायडू भी दो रन बनाकर पवेलियन निकल लिए। रोहित भी 48 के कुल स्कोर पर आउट हो गए और फिर दिनेश कार्तिक, एमएस धोनी के आउट होने के बाद भारतीय टीम लड़खड़ा गई।
भारत का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 160 रन था और उस पर हार का संकट मंडरा रहा था। केदार जाधव 167 के कुल स्कोर पर रिटायर हर्ट हो गए थे जिसने परेशानी को और गहरा दिया था। ऐसे में रवींद्र जडेजा ने भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर 45 रनों की साझेदारी कर भारत को एक बार फिर मैच में ला दिया। जडेजा 212 के कुल स्कोर पर 23 रन बनाकर आउट हुए तो जाधव ने मैदान पर कदम रखा।
दो रन बाद भुवनेश्वर कुमार भी आउट हो गए। वह 31 गेंदों पर 21 रन बनाकर मुस्ताफिजुर रहमान का शिकार बने। जाधव ने दूसरे छोर से टीम को जीत दिलाई और साथ ही खिताब भी। वह 27 गेंदों पर एक चौका और एक छक्के की मदद से 23 मारकर नाबाद रहे। उनके साथ कुलदीप भी पांच रन बनाकर नाबाद लौटे।
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