Asia Cup 2025: कैसे Shubman Gill के साथ जूस बेचने वाले का बेटा दुबई गया? इनकी दोस्ती की बड़ी दिलचस्प है कहानी
Shubman Gill Avinash Kumar Friendship एशिया कप 2025 से पहले भारतीय टीम के उपकप्तान शुभमन गिल का नाम सुर्खियों में चल रहा है। उनकी बैटिंग से ज्यादा अभी उनकी अविनाश कुमार से दोस्ती फैंस को खूब पसंद आ रही है। अविनाश कुमार एक जूस बेचने वाले के बेटे हैं। गिल की अविनाश से कैसे दोस्ती हुई और दोनों की मुलाकात कहां हुई आइए जानते हैं पूरी कहानी।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Shubman Gill Avinash Kumar Friendship Story: एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले बड़े मुकाबले से पहले उपकप्तान शुभमन गिल सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं। उनकी एक पुरानी दोस्ती की कहानी भी ट्रेंड कर रही है।
शुभमन गिल की दोस्ती अविनाश कुमार से बताई जाती है, जो एक जूस बेचने वाले के बेटे हैं। इतना ही नहीं, गिल ने अविनाश से जो वादा किया था, वह पूरा किया है और वह उन्हें अपने साथ दुबई (Asia Cup 2025 Dubai) ले गए हैं। ऐसे में जानते हैं गिल की अविनाश से कैसे दोस्ती हुई?
Shubman Gill के दोस्त हैं Avinash Kumar
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले रामविलास शाह, जो कि काफी सालों से जूस बेचते हुए आ रहे हैं। वह मोहाली के आईएस ब्रांदा स्टेडियम गेट नंबर-1 के बाहर अपने जूस का ठेला लगाते हैं।
उनके इस ठेले पर युवा क्रिकेटर शुभमन गिल (Shubman Gill) और उनके पिता लखविंदर, अक्सर मौसंबी का जूस पीने आते थे। जूस बेचने वाले रामविलास का बेटा उसी स्टेडियम के पीछे ग्राउंड में ट्रेनिंग करता था। उनका नाम अविनाश कुमार (Avinash Kumar) है, जो तेज गेंदबाज थे।
कैसे Gill की Avinash Kumar से हुई दोस्ती?
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अविनाश कुमार ने साल 2014 के दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे शुभमन गिल (Shubman Gill Friend Avinash Kumar) के पिता लखविंदर सिंह ने उनकी जिंदगी बदल दी।
अविनाश ने कहा,
"मैंने गिल पाजी से कहा था कि मैंने क्रिकेट छोड़ दिया है। मैं एक फोटो स्टूडियो में काम करता हूं क्योंकि मेरे पिता की तबीयत ठीक नहीं है।"
उस वक्त आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया था। बता दें कि अविनाश गिल से उम्र में दो साल छोटे हैं।
लेकिन शुभमन गिल के पिता लखविंदर सिंह उनके इस फैसले से खुश नहीं थे। अविनाश ने बताया,
"पाजी काफी गुस्सा हो गए थे। उन्होंने कहा कि क्रिकेट पूरी फैमिली की जिंदगी बदल सकता है। जब मैंने बताया कि मैं फोटो स्टूडियो में काम करता हूं तो वे और नाराज हो गए।"
इसके बाद गिल के पिता ने अविनाश को एक वीडियो दिखाया, जिसमें एक साइड-आर्म थ्रोअर की ट्रेनिंग थी। उन्होंने अविनाश से कहा कि वे फिर से क्रिकेट शुरू करें और खूब मेहनत करें। यहीं से गिल और अविनाश की दोस्ती मजबूत हुई।
अविनाश ने कहा,
"मैं शुभमन को अकादमी से जानता था, लेकिन इसके बाद मैं उनका पर्सनल साइड-आर्म थ्रोअर बन गया। वो दिन था और आज का दिन है, हम हमेशा साथ हैं।"
गिल से कभी पैसे नहीं लिए
अविनाश को उस वक्त रोजाना 150-200 रुपये मिलते थे, लेकिन उन्होंने कभी गिल या उनके पिता से पैसे नहीं लिए। अविनाश ने कहा कि मैंने उनसे कभी पैसे नहीं लिए। हां, त्योहारों पर जैसे होली और दिवाली पर वे मुझे पैसे देते थे। उन्होंने मेरे परिवार की मदद भी की और अस्पताल तक लेकर गए। मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा।
अविनाश ने यह भी बताया कि शुरुआती दिनों में शुभमन लॉफ्टेड शॉट नहीं खेलते थे। उनके पिता चाहते थे कि वे सिर्फ सीधा खेलें। गिल ने रेंज-हिटिंग पर काम करना अंडर-19 वर्ल्ड कप और आईपीएल के बाद शुरू किया।
अविनाश ने इस पर कहा,
"वो अक्सर कहते थे कि दो रन ज्यादा लेने के चक्कर में आउट होने से क्या फायदा? लेकिन बाद में उन्होंने समझा कि टी20 क्रिकेट में छक्के मारना जरूरी है। उन्होंने उस पर काम शुरू किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।"
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