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    Jagran Exclusive: जसप्रीत बुमराह के जैसा बनना मुश्किल, वह हैं अलग तरह के गेंदबाज; Akashdeep ने किए बड़े खुलासे

    भारतीय टीम के उभरते हुए तेज गेंदबाज आकाश दीप ने जसप्रीत बुमराह की जमकर तारीफ की। आकाश दीप ने कहा कि जसप्रीत बुमराह एक अलग तरह के गेंदबाज हैं जिनकी तरह बनना मुश्किल है लेकिन अगर आपको उनकी सलाह मिल जाए तो आप बेहतर गेंदबाज बन सकते हैं। आकाश दीप ने रोहित शर्मा को सर्वश्रेष्‍ठ कप्‍तान करार दिया। जानिए इंटरव्‍यू में आकाश दीप ने क्‍या कहा।

    By abhishek tripathiEdited By: Abhishek Nigam Updated: Thu, 16 Jan 2025 06:00 AM (IST)
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    आकाश दीप ने जसप्रीत बुमराह के बारे में राज खोले

    अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्‍ली। सात टेस्ट मैच खेल चुके भारतीय टीम के तेज गेंदबाज आकाश दीप का कहना है कि ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला, जिससे भविष्य में काफी मदद मिलेगी। पिछले साल इंग्लैंड के विरुद्ध रांची में पदार्पण करने वाले आकाश दीप ऑस्‍ट्रेलिया में ब्रिसबेन और मेलबर्न टेस्ट में खेले।

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    रोहित को सर्वश्रेष्ठ कप्तान बताने वाले आकाश ने कहा कि टीम में जसप्रीत बुमराह एक अलग तरह के गेंदबाज हैं, जिनकी तरह बनना मुश्किल है, लेकिन उनकी सलाह से आप बेहतर गेंदबाज बन सकते हो। आकाश दीप से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

    सवाल - एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में ऑस्‍ट्रेलिया आपका पहला दौरा था। ऑस्‍ट्रेलिया में खेलने का अनुभव कैसा रहा?

    आकाश दीप - मेरा हमेशा से ही सपना रहा था कि भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट खेलूं। मुझे लगता है कि आज भी टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है क्योंकि उसमें आपकी शारीरिक और मानसिक क्षमता का पता लगता है। आप कितनी देर तक सही जगह पर गेंदबाजी कर सकते हैं।

    मुझे लगता है कि जो लोग क्रिकेट समझते हैं, वह टेस्ट क्रिकेट का ज्यादा आनंद लेते हैं। ऑस्‍ट्रेलिया में जाकर एक तेज गेंदबाज के रूप में मुझे काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे नहीं लगता कि खुद में सुधार करने व सीखने और खुद को साबित करने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया से बेहतर कोई जगह हो सकती है। भले ही यह मेरा पहला दौरा था, लेकिन अनुभव बहुत शानदार रहा था। मैंने वहां से काफी कुछ सीखा, जो भविष्य में काफी मदद करेगा।

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    सवाल - ऑस्‍ट्रेलिया में आप नेट्स पर काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। जब आप मैच में खेले तो आपने काफी अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन दुर्भाग्य से विकेट नहीं मिले। इस पर क्या कहेंगे?

    आकाश दीप - एक तेज गेंदबाज के तौर पर मेरा मानना है कि अगर आप अपने प्रदर्शन को आंकेंगे तो इससे आपके ऊपर दबाव ही बढ़ेगा। हम केवल प्रयास कर सकते हैं, परिणाम हमारे हाथ में नहीं हैं। ऑस्‍ट्रेलिया में जिस तैयारी व रणनीति के साथ मैं उतरा था, मुझे लगता है कि 99 प्रतिशत मैं उसमें सफल रहा।

    विकेट नहीं मिलना मेरे हाथ में नहीं था लेकिन मुझे लगता है कि मैं अपनी गेंदबाजी में काफी कुछ और कर सकता था, जो दोनों मैचों से मैंने सीखा।

    सवाल - दो महीने के पहले आकाश और ऑस्‍ट्रेलिया दौरे के बाद के आकाश को कैसे देखते हैं। क्या आप और बेहतर हुए हैं?

    आकाश दीप - बिल्कुल, अगर आपको क्रिकेट के श्रेष्ठ प्रारूप में बने रहना है तो हर दिन बेहतर करना पड़ेगा। मैं खुद को आंकता नहीं हूं, लेकिन मैं हमेशा ये कोशिश करता हूं कि क्या नया सीख सकता हूं। मैं बस यही कोशिश करता हूं कि मेरे नियंत्रण में जो भी चीजें हैं, चाहे बल्ले से या गेंद से अच्छा प्रदर्शन कर टीम की सफलता में योगदान दूं।

    अपनी गेंदबाजी से टीम में योगदान दे सकूं, टीम को जीत दिला पाऊं और इसके लिए मुझे खुद को बेहतर करना ही पड़ेगा।

    सवाल - अच्छी गेंदबाजी के बावजूद विकेट नहीं मिलने से निराशा हुई या क्या कभी लगा कि अगर विकेट मिलते तो भारतीय टीम जीत सकती थी?

    आकाश दीप - जब आप पहले विदेशी दौरे पर खेलते हैं तो प्रदर्शन काफी अहम हो जाता है। अच्छे प्रदर्शन से आप टीम का विश्वास पा सकते हो, लेकिन मैं फिर कहूंगा कि अगर मैं ये सोचूंगा तो खुद पर दबाव ही डालूंगा। मैं इसे मैं पीछे छोड़कर खुद को बेहतर बनाने पर काम कर रहा हूं। आगे अभी बहुत क्रिकेट है और इसलिए क्या कर सकता था की जगह क्या बेहतर कर सकता हूं, इस पर ध्यान दे रहा हूं।

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    सवाल - ऑस्‍ट्रेलिया में आपने रोहित और बुमराह दोनों की कप्तानी को देखा। कप्तान के तौर पर दोनों को कैसे देखते हैं। कितना सहयोग मिलता है। एक नए खिलाड़ी के रूप में आपसे कैसा व्यवहार किया जाता है?

    आकाश दीप - मुझे रोहित भाई की कप्तानी में खेलने का अवसर मिला। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं। रोहित भाई चीजों को इतना सरल रखते हैं कि मुझे लगा ही नहीं कि मैंने अभी अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया है। मैंने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में खेला है।

    तब मुझे लगता था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मुश्किल होगी लेकिन रोहित भाई ने जिस तरह से चीजों को इतना सरल रखा उससे खिलाड़‍ियों को काफी आसानी होती है। मुझे लगता है कि वह सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं।

    सवाल - ऑस्‍ट्रेलिया में कौन सा विकेट और स्पैल आपके लिए यादगार रहा?

    आकाश दीप - एमसीजी में जब हम पहली पारी में 80-90 रन से पिछड़े थे तो मेरे दिमाग में बस यही था कि हमें जल्दी विकेट लेने हैं। दूसरी पारी में जिस तरह से भारत की गेंदबाजी रही और मैंने लगातार सात-आठ ओवर डाले। दूसरी ओर से बुमराह भाई ने स्पैल किया और चार पांच विकेट लिए, जिससे ऑस्‍ट्रेलिया पर दबाव बना था।

    हमारी फील्डिंग खराब रही नहीं तो हम उन्हें 120-130 तक आउट कर लेते। उस स्पैल से मुझे काफी खुशी मिली। भले ही मुझे विकेट नहीं मिला, लेकिन मैंने जो दबाव बनाया, उसकी वजह से हमारी टीम अच्छी स्थिति में आ चुकी थी।

    सवाल - गेंदबाजी के साथ आपकी बल्लेबाजी भी काफी चर्चा में रही। जिस तरह से आपने ब्रिसबेन में मैच बचाया, उसके बाद टीम प्रबंधन ने आपको ऊपर भेजा। इस बारे में क्या कहेंगे?

    आकाश दीप - जिस क्रम पर हमारी बल्लेबाजी आती है, तब हमें प्रदर्शन करना ही होता है। तब गेंदबाज थके होते हैं और गेंद पुरानी रहती है। उस समय रन काफी अहम हो जाते हैं। अगर हम 20-30 रन भी बनाते हैं तो काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। मुझे लगता है कि अपनी बल्लेबाजी में और सुधार करना चाहिए।

    सवाल - सफेद गेंद क्रिकेट को कैसे देखते हैं। विशेष रूप से अभी चैंपियंस ट्रॉफी होनी है, इंग्लैंड के विरुद्ध वनडे सीरीज होनी है। अभी आपकी फिटनेस कैसी है?

    आकाश दीप - सिडनी में कमर में थोड़ी जकड़न के कारण आखिरी टेस्ट नहीं खेल पाया था, लेकिन कोई बड़ी समस्या नहीं थी। अभी फिलहाल मैं आराम कर रहा हूं। 10-15 दिन बाद मैं फिर अभ्यास शुरू करूंगा। बाकी चीजें प्रबंधन के हाथ में हैं, कब मैं मैच के लिए उपलब्ध हो पाऊंगा। मैं अभी काफी लंबा क्रिकेट खेल कर आया हूं तो मानसिक रूप से भी आराम कर रहा हूं।

    सवाल - तेज गेंदबाजों के बारे में कहा जाता है कि वह तीनों प्रारूप लंबे समय तक नहीं खेल सकते। भारतीय क्रिकेट में यह धारणा बनाई जाती है कि ये लाल गेंद क्रिकेट खेल सकता है और ये सफेद गेंद क्रिकेट। आप अपने आपको कहां देखते हैं?

    आकाश दीप - मुझे ऐसा लगता है कि आप लाल गेंद क्रिकेट खेल सकते हो तो सफेद गेंद क्रिकेट आसान हो जाता है। मुझे ऐसा कुछ नहीं लगता है। मुझे जब भी सफेद गेंद क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा तो मैं खुद को साबित करूंगा।

    सवाल - अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को फ्री होने पर घरेलू क्रिकेट खेलना पड़ेगा। बीसीसीआई के इस निर्णय को आप कैसे देखते हैं?

    आकाश दीप - इस निर्णय को बड़े-बड़े लोग जो बैठे हैं, वह बेहतर समझ सकते हैं। मुझे लगता है कि जब बड़े क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट खेलेंगे तो मेरे जैसे क्रिकेटरों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। माहौल बदलता है। युवा खिलाड़ी काफी ऊर्जा के साथ खेलेंगे और उनके खेल का स्तर सुधरेगा। घरेलू क्रिकेट को भी काफी लाभ होगा। बड़े क्रिकेटरों के खेलने से पूरा माहौल बदल जाएगा।

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    सवाल - आप या आपके कोच कार्यभार प्रबंधन कैसे करते हैं?

    आकाश दीप - मुझे एनसीए मॉनिटर करता है, वे जैसा कहते हैं, मैं वैसा ही करता हूं।

    सवाल - सहायक कोच मोर्नी मोर्कल से आप नेट्स पर लंबी बात करते थे। उसके बारे में थोड़ा बताएं। साथ ही बुमराह के साथ आपने गेंदबाजी की, उससे आपको कितना लाभ हुआ?

    आकाश दीप - बुमराह भाई से मेरी बात होती है। वह अलग ही तरह के गेंदबाज हैं। भगवान ने उनकी सारी चीजें अलग बनाई हैं। उनका एक्शन अलग है और उनके जैसा बनना मुश्किल है। हम उनसे सारी चीजें नहीं सीख सकते, लेकिन उनकी मानसिकता, उनकी सोच, बल्लेबाजों को पढ़ने की क्षमता जैसी तकनीकी चीजें सीखने को मिलती है। इससे काफी मदद मिलती है।

    ये छोटी-छोटी चीजें काफी महत्वपूर्ण हो जाती हैं कि आप किस तरह से परिस्थितियों को संभालते हैं। इस बारे में बुमराह भाई को काफी कुछ पता है। इस बारे में मैं उनसे सीखता हूं।

    वहीं हमारे गेंदबाजी कोच मोर्कल 90 टेस्ट मैच खेले हुए हैं। वह खुद बड़े गेंदबाज रहे हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का बहुत अनुभव है। वह भी छोटी-छोटी चीजें ही आपको सिखाते हैं कि आप क्या अपनी गेंदबाजी में जोड़ सकते हैं। मुझे दोनों के साथ मजा आता है।

    सवाल - आप वाराणसी या सासाराम में कहां से हैं क्योंकि इसको लेकर काफी बहस होती है?

    आकाश दीप - मेरा घर सासाराम के पास छोटे से गांव में है। बनारस मेरा होम टाउन है क्योंकि हमारे घर से वह सबसे नजदीक है। वहां काफी आना जाना है। मैं बंगाल से क्रिकेट खेलता हूं और आठ-नौ साल से वहीं हूं।

    सवाल - आपका बंगाल जाना कैसे हुआ। अपनी क्रिकेट यात्रा के बारे में थोड़ा बताइए?

    आकाश दीप - बिहार में तब इतना क्रिकेट था नहीं, मेरे रिश्तेदार बंगाल के दुर्गापुर में रहते हैं। मेरे चचेरे भाई ने मुझे बोला कि आप यहां आ जाओ, यहां क्रिकेट का काफी स्कोप है। यहां लोग खेल को सपोर्ट करते हैं। अगर आप में प्रतिभा है तो आप यहां से खेल सकते हो। उसकी बातों को सुनकर मैं वहां पहुंचा था कि एक दो दिन रहकर ट्राई करते हैं। भाग्य में था क्रिकेट खेलना तो मैं वहीं रुक गया और अब यहां तक पहुंच गया।