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दूध बेचने वाले पिता का बेटा शामिल हुआ भारतीय क्रिकेट टीम में, खेलेगा अगला विश्व कप

अपने टैलेंट के दम पर इस खिलाड़ी ने भारतीय विश्व कप टीम में जगह बनाई।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 09:52 AM (IST)
दूध बेचने वाले पिता का बेटा शामिल हुआ भारतीय क्रिकेट टीम में, खेलेगा अगला विश्व कप
दूध बेचने वाले पिता का बेटा शामिल हुआ भारतीय क्रिकेट टीम में, खेलेगा अगला विश्व कप

नई दिल्ली, जेएनएन। अगर आपके अंदर प्रतिभा है तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। ये बात कई बार साबित हो चुकी है। महेंद्र सिंह धौनी, दीपिका कुमारी और ना जाने ऐसे कई नाम हैं जो एक साधारण परिवार से थे लेकिन इन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर देश और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। हाल ही में हैदराबाद के तेज गेंदबाज मो. सिराज ने भारतीय टीम में न्यूजीलैंड के खिलाफ जगह बनाई। सिराज के पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और उन्होंने सिराज को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया और तमाम बाधाओं को पार करते हुए सिराज ने अपना मुकाम हासिल किया। 

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अब एक और नई कहानी क्रिकेट से जुड़ गई है। इस 15 वर्षीय क्रिकेटर ने वर्ष 2018 में होने वाले अंडर19 विश्व कप के लिए भारतीय अंडर19 टीम में जगह बनाई है। कुछ दिन पहले जब विश्व कप के लिए भारतीय अंडर19 टीम की घोषणा की गई तो एक नाम ने सबको चौंकाया क्योंकि इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था। इस खिलाड़ी का नाम है पंकज यादव। 

कौन हैं पंकज यादव

15 वर्ष के पंकज यादव झारखंड से हैं और वो लेग स्पिन गेंदबाजी करते हैं। वो पहली बार वर्ष 2016-17 विजय मर्चेंट ट्रॉफी से लाइम लाइट में आए। इस वर्ष की शुरुआत में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के मुकाबले में बंगाल के खिलाफ बोकारो में पंकज ने पहली पारी में 62 रन देकर 4 विकेट लिए जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 40 रन देकर बंगाल के 7 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान पंकज ने झारखंड के लिए 6 मैचों में 45 विकेट लिए और उनका औसत 15 का रहा। इसके बाद उन्हें अंडर19 चैलेंजर ट्रॉफी के लिए इंडिया ग्रीन टीम में मौका मिला। पहले दो मैचों में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन तीसरे मैच में उन्होंने 8 ओवर में 30 रन देकर एक विकेट लिया। चौथे मैच में पंकज ने 57 रन देकर 5 विकेट लिए। यानी इस टूर्नामेंट के दो मैचों में उन्होंने 6 विकेट लिए। उनका औसत 15 का रहा जबकि उनका इकानॉमी रेट पांच से कम का रहा। इस प्रदर्शन के कुछ दिन के बाद ही पंकज को भारतीय अंडर19 टीम में विश्व कप के लिए राहुल चाहर पर तरजीह देते हुए चुन लिया गया। 

क्रिकेट खेलने पर होती थी पिटाई

पंकज के पिता चंद्र यादव दूध बेचने का काम करते हैं। जब उन्हें पता चला कि उनके बेटे का चुनाव भारतीय अंडर 19 टीम में हुआ है तो उन्होंने कहा कि उन्हें पता ही नहीं था कि एक ऐसे टैलेंटेड क्रिकेटर का मेरे परिवार में जन्म होने वाला है। पंकज ने पिता ने बताया कि वो अपना स्कूल छोड़कर क्रिकेट मैच खेलने चला जाता था। जब मुझे पता चलता था तब मैं ग्राउंड पर जाकर सबके सामने उनकी पिटाई कर देता था। आज उसे जो फल मिला है वो क्रिकेट में उसके लगाव की वजह से ही है। अब पंकज की वजह से उन्हें एक नई पहचान मिली है और उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। पंकज की मां हाउस वाइफ हैं। पंकज का कहना है कि क्रिकेट खेलकर कमाए पैसे से वो अपने पिता को एक गाय भेंट करना चाहते हैं। 

तेज गेंदबाज से बने स्पिनर

पंकज रांची के आइपीएल इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। उन्हें एक तेज गेंदबाज के तौर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पंकज की मुलाकात रांची में क्रिकेट एकेडमी चलाने वाले जेएन झा से हुई। इसके बाद उसके कोच जेएन झा ने पंकज को सलाह दी कि उन्हें स्पिन गेंदबाजी करनी चाहिए। उन्होंने अपने कोच की बात मानी और आज वो भारतीय अंडर 19 विश्व कप टीम का हिस्सा हैं। 

धौनी से मिलती है प्रेरणा

पंकज लेग स्पिन गेंदबाजी करते हैं और उनके आइडल पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न हैं लेकिन उनका कहना है कि धौनी से उन्हें हमेशा प्रेरणा मिलती है। धौनी के बारे में पंकज ने कहा कि वो मैदान पर हमेशा शांत रहते हैं और मैंने उन्हें कभी भी अपने साथी खिलाड़ियों पर खीजते नहीं देखा। मैं उनकी तरह की क्रिकेट को समझना और खेलना चाहता हूं। टीम में चुनाव के बाद पंकज को धौनी से मिलने का मौका मिला। पंकज ने बताया कि धौनी ने उन्हें कहा कि उन्हें अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप अपने ओवर के तीन या चार गेंद सही जगह फेंकते हो तो इसके बाद पांचवें गेंद पर काम करना चाहिए और फिर सभी गेंदों पर। 

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