ऑलराउंडर के रूप में इस खिलाड़ी ने पूरी कर दी टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमी
पांड्या ने कपिल देव और इरफान पठान की कमी पूरी कर दी है...
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। 2015-16 सत्र में सात महीने के अंदर लगातार तीन वनडे सीरीज हारने के बाद तत्कालीन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को ऑस्ट्रेलिया में यह कहना पड़ा था कि हमारे पास एक तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर की कमी है। इसके कारण विदेशी पिचों पर हमें ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। हालांकि इसके एक सप्ताह बाद ही इस कमी को पूरा करने के लिए 22 वर्षीय गुजराती ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को 26 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड मैदान में टी-20 सीरीज के पहले ही मुकाबले में ब्लू कैप सौंपी गई।
तब किसी को इस बात की ज्यादा उम्मीद नहीं थी कि वह इस पर खरे उतरेंगे, लेकिन लगातार बेहतर प्रदर्शन करके और खासतौर पर चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी ओवरों में तीन छक्के के साथ आठ गेंदों में 20 रन बनाकर उन्होंने साबित किया कि वह टीम इंडिया का भविष्य हैं। भारत के पास रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे स्पिन ऑलराउंडरों की कमी नहीं है, लेकिन इरफान पठान के बाद से टीम को ऐसे हरफनमौला की जरूरत थी जो बल्लेबाजी के साथ तेज गेंदबाजी भी करता हो। क्योंकि भारतीय पिचों में तो स्पिन ऑलराउंडर कारगर साबित होते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में सीमर ऑलराउंडर की दरकार होती है।
भरोसे पर खरे उतरे
चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मुकाबले में ही पाकिस्तान के खिलाफ भारत को जब स्कोर 300 रनों के पार पहुंचाना था तो कप्तान विराट ने युवराज सिंह के आउट होने के बाद तेज रन बनाने के लिए मैच फिनिशर धौनी की जगह पांड्या पर भरोसा जताया। पांड्या भी इस भरोसे पर खरे उतरे। यही नहीं इसके बाद दायें हाथ के इस मध्यम तेज गेंदबाज ने अपने कोटे के आठ ओवर में सिर्फ 43 रन खर्च करके दो विकेट भी चटकाए। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में या तो आप हीरो बनते हो या जीरो। पांड्या ने अपने प्रदर्शन से खुद को हीरो साबित कर दिया। यही नहीं श्रीलंका के खिलाफ मैच में भी उन्होंने अंतिम एकादश में अपनी जगह पक्की कर ली है। ऐसे में रविचंद्रन अश्विन को अगले मैच से फिर बाहर रहना पड़ सकता है।
अब तक रहा प्रभावी प्रदर्शन
बड़ौदा और मुंबई इंडियंस से खेलने वाले पांड्या टीम इंडिया के लिए अब तक आठ वनडे में 60 के औसत से तीन बार नाबाद रहते हुए एक अर्धशतक के साथ 180 रन बना चुके हैं। इसमें उन्होंने 11 विकेट भी लिए हैं। पांड्या को टी-20 में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में धर्मशाला में मौका दिया गया था। उन्हें इस मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने सात ओवर में ही 31 रन खर्च करके तीन बल्लेबाजों को आउट करके अपनी उपयोगिता साबित कर दी थी। पांड्या भारत के लिए 19 टी-20 मुकाबलों में 100 रन बनाने के साथ 15 विकेट ले चुके हैं।
पांड्या क्यों हैं महत्वपूर्ण
भारत के अगर अच्छे ऑलराउंडरों की बात की जाए तो कपिल देव, मोहिंदर अमरनाथ, वीनू मांकड़, युवराज सिंह और इरफान पठान का नाम आता है। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने भी अपने करियर के बीच में कुछ सालों में अच्छी बल्लेबाजी के साथ बेहतर गेंदबाजी भी की। इस समय अश्विन और जडेजा भी खुद को ऑलराउंडर के तौर पर साबित कर रहे हैं। वर्तमान में टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी करने वाले एकमात्र ऑलराउंडर पांड्या हैं। वह निचले क्रम में उतरकर टीम को संतुलन देने के साथ तेजी से रन बनाने में माहिर हैं। वह 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं और क्षेत्ररक्षण में भी उपयोगी साबित होते हैं।