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कोहली का प्रदर्शन भी पुजारा व रहाणे की तरह है खराब, लेकिन उन्हें टीम से बाहर करने को कोई नहीं कहता- पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने उठाए सवाल

साल 2020 की शुरुआत से अब तक विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में औसत 26.08 का रहा है और उन्होंने इस दौरान कोई शतक भी नहीं लगाया है जबकि पुजारा और राहणे का औसत भी इस दौरान 25 के आसपास रहा है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 02:16 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 04:21 PM (IST)
भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में जिस तरह का प्रदर्शन किया उसके बाद दोनों पर दवाब बढ़ गया है। क्रिकेट पंडितों के साथ-साथ क्रिकेट फैंस भी लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जाए। वैसे पुजारा और रहाणे के खराब प्रदर्शन के बाद भी भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा उनका समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं और उनका मानना है कि विराट कोहली का प्रदर्शन भी कुछ ऐसा ही है। 

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इसमें कोई शक नहीं है कि रहाणे व पुजारा मध्यक्रम में लगातार निराश कर रहे हैं, लेकिन अगर पिछले कुछ साल के आंकड़े देखे जाएं तो विराट कोहली का प्रदर्शन भी इन दोनों से बहुत ज्यादा बेहतर नहीं रहा है। आशीष नेहरा ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा कि आप कोहली के प्रदर्शन को भी देखें तो वो कोई बहुत बेहतर नहीं है, लेकिन लोग भारतीय टीम में उनकी जगह पर तो कोई सवाल नहीं उठा रहे हैं। जाहिर है वो कप्तान हैं साथ ही कोहली ने जो किया है वो पुजारा और रहाणे के मुकाबले अलग स्तर पर है। हालांकि कोहली की तुलना पुजारा और रहाणे के साथ करना उचित नहीं है, लेकिन जब ये दोनों बल्लेबाज भी अपने चरम पर थे तब किसी से पीछे नहीं रहे। 

आपको बता दें कि साल 2020 की शुरुआत से अब तक विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में औसत 26.08 का रहा है और उन्होंने इस दौरान कोई शतक भी नहीं लगाया है जबकि पुजारा और राहणे का औसत भी इस दौरान 25 के आसपास रहा है। 2019 के अंत में कोहली का टेस्ट में औसत 54.01 का था जबकि 2021 के अंत में अब उनका औसत 50.34 का है। इससे जाहिर होता है कि उनके भी खेल में गिरावट आई है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में उन्होंने भी 35 और 18 रन ही बनाए थे। 

गावस्कर को लगता है कि जोहानसबर्ग टेस्ट मैच की दूसरी पारी रहाणे और पुजारा की टेस्ट की आखिरी पारी साबित हो सकती है, लेकिन नेहरा का कहना है कि अगर आपने रहाणे का समर्थन पहले टेस्ट मैच से ही किया है तो बेहतर तो यही होगा कि बाकी के मैचों में भी उन्हें मौका दें। मैं मानता हूं कि पुजारा और रहाणे बड़ी परेशानी में हैं, लेकिन इस अहम सीरीज के लिए मध्यक्रम में बदलाव एक बड़ा फैसला होगा। हालांकि पुजारा और रहाणे पर फैसला लेना टीम मैनेजमेंट का काम है, लेकिन उनकी जिस तरह की बल्लेबाजी है उससे तो यही लगता है कि उनका भविष्य ज्यादा अच्छा नहीं है। 


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