सूर्यकुमार ने डिविलियर्स को लेकर कह दी बड़ी बात, बोले- दुनिया में 360 डिग्री केवल एक मैं तो ट्राई कर रहा हूं
इंडिया और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए मैच के खत्म होने के बाद सूर्यकुमार ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत की। इस दौरान सूर्या ने कहा दुनिया में 360 डिग्री का खिलाड़ी केवल एक ही है। वो हैं डिविलियर्स। मैं तो बस ट्राई कर रहा हूं।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। टी20 विश्व कप 2022 मेलबर्न में खेले गए मैच में भारत ने जिम्बाब्वे को 71 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारत ग्रुप-2 के प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंच गया। भारत गुरुवार को 10 नवंबर को इंग्लैंड के साथ सेमीफाइनल में भिड़ेगा। जिम्बाब्वे के साथ खेले गए मैच में सूर्यकुमार ने 25 गेंद पर नाबाद 61 रन की तेज पारी खेली।
सूर्यकुमार को बेहतरीन बल्लेबाजी की वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। मैच के बाद सूर्या ने कहा, “मेरा प्लान काफी क्लियर था कि हमें रन बनाना है। जब मैंने और हार्दिक ने एक बार शॉट्स लगाना शुरू किया तो फिर हम रूके नहीं। मेरा प्लान काफी क्लियर है कि मुझे क्या और कैसे करना है। ऐसा प्रदर्शन कर के काफी अच्छा लगता है। हालांकि मैं हमेशा यही सोचता हूं कि हर मैच में आपको शून्य से शुरू करना होता है।”
दुनिया में एक ही 360 डिग्री का खिलाड़ी
मैच खत्म होने के बाद सूर्यकुमार ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत की। 360 डिग्री क्रिकेटिंग शॉट खेलने को लेकर पूछे गए सवाल पर सूर्या ने कहा, दुनिया में 360 डिग्री का खिलाड़ी केवल एक ही है। वो हैं डिविलियर्स। मैं तो बस ट्राई कर रहा हूं। सोच बस यही रहती है कि फील्ड के हिसाब से खेलूं। कई बार सफल हो जाता हूं कई बार असफल रहता हूं।”
रोहित ने दे रखी है छूट
स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान रोहित की कप्तानी को लेकर सूर्या ने कहा, “रोहित ने पूरी छूट दे रखी है, मैं चाहे जैसे बैटिंग करूं। बल्लेबाजी करने आने से पहले मैं अपने दिमाग को शांत रखता हूं। हम आईपीएल में एक ही टीम की तरफ से खेलते हैं तो वो मुझे समझते हैं, मैं उन्हें समझता हूं। कुछ आइ़डिया आता है तो बेधड़क उनसे कह सकता हूं। वो फील्ड पर शांत रहते हुए अपनी प्लानिंग पर काम करते हैं।”
10 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया आने का मिला फायदा
सूर्या ने आगे कहा, 10 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया का बहुत फायदा मिला है। शुरु में जो हमें कैंप किया, उससे यहां की पिचों को समझने का मौका मिल गया। सूर्या ने कहा, यहां आने से पहले मैं वानखेड़े में ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करता था, वहां से उछाल भरी पिच पर खेलना का आइडिया मिला था।
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