Milind Rege Tribute: सुनील गावस्कर की कलम से... 'मिलिंद रेगे की जिंदगी थी मुंबई क्रिकेट, वह मेरे बड़े भाई की तरह थे'
भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने मिलिंद रेगे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। गावस्कर ने अपने कॉलम में मिलिंद रेगे से जुड़े कई किस्सों का जिक्र किया। बता दें कि मिलिंद रेगे का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ। 76 साल की उम्र में रेगे ने दुनिया से विदाई ली। गावस्कर ने बताया कि वो और रेगे एक ही स्कूल व कॉलेज में पढ़े।

सुनील गावस्कर। 'मैं जानता था, ये होने वाला है। मैं चैंपियंस ट्रॉफी के लिए दुबई जाने से पहले उनसे मंगलवार को अस्पताल में मिला था। वह मुझसे हाथ मिलाने के लिए लगातार अपना हाथ आगे बढ़ा रहे थे, शायद उन्हें पता था कि हम कभी नहीं मिलने वाले हैं। मैंने उनसे कहा मैं तुमसे 22 की सुबह मिलूंगा और उन्होंने मुझे एक फीकी मुस्कान दी। वह मेरे बड़े भाई की तरह थे।'
ये शब्द हैं महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के, जो मुंबई के पूर्व कप्तान और चयनकर्ता मिलिंद रेगे के निधन से बेहद दुखी थे। रेगे का बुधवार को 76 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
बचपन से साथ रहे गावस्कर-रेगे
रेगे के साथ बिताए पलों को याद करते हुए गावस्कर ने कहा, 'हम साथ बड़े हुए और एक ही स्कूल व कालेज में पढ़े। हमने कंपाउंड में साथ टेनिस बाल क्रिकेट खेला था। रेगे मुझसे पहले रणजी ट्रॉफी खेले थे और आज जो काम मुंबई के लिए शार्दुल ठाकुर, तनुष कोटियान और शम्स मुलानी कर रहे हैं, वह कभी रेगे करते थे, जब मुंबई का शीर्षक्रम विफल रहता था।'
इसलिए भारत के लिए नहीं खेल पाए रेगे
वह भारत के लिए खेलने के लिए उपयुक्त थे, लेकिन प्रसन्ना व एस वेंकटराघवन के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाए। फिर 24 साल की उम्र में उन्हें पहला दिल का दौरा पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ साल बाद वापसी की और मुंबई की कप्तानी भी की।
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मुंबई क्रिकेट उनकी जिंदगी
''पिछले हफ्ते जब उन्हें पहली बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब मैंने उन्हें बताया था कि मुंबई ने हरियाणा के विरुद्ध मामूली बढ़त हासिल कर ली है और वह तुरंत खुश हो गए थे। मुंबई क्रिकेट उनकी जिंदगी थी। हम एक-दूसरे को तब से जानते हैं जब हम कुछ महीने के थे। इसलिए मैं उनके मृत शरीर को नहीं देख पाऊंगा और अंतिम संस्कार के लिए वापस नहीं आऊंगा। मेरी ओर से यह स्वार्थी लग सकता है, लेकिन मैं वास्तव में अपने बड़े भाई का अंतिम संस्कार नहीं कर पाऊंगा।''
रेगे का सम्मान और करियर
रेगे की याद में मुंबई और विदर्भ के खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी मुकाबले के तीसरे दिन एक मिनट का मौन रखा। मुंबई के खिलाड़ी बुधवार को नागपुर में काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे।
1966 से 1978 तक एक दशक से अधिक के करियर में रेगे ने 52 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया। एक ऑफ स्पिनिंग ऑलराउंडर के रूप में रेगे ने 29.23 की औसत से 126 विकेट लिए और 23.56 की औसत से 1532 रन बनाए।
मिलिंद रेगे सर के निधन की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ। वह मुंबई के सच्चे क्रिकेटर थे, जिन्होंने शहर के क्रिकेट में बहुत बड़ा योगदान दिया।- सचिन तेंदुलकर
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