'कोई सपना दूर नहीं', युवराज सिंह ने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली शीतल देवी की तारीफ में पढ़े कसीदे
18 वर्षीय तीरंदाज शीतल देवी ने वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने शीतल की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रेरणास्त्रोत बताया। शीतल ने महिला इंडीविजुअल कम्पाउंड आर्चरी में वर्ल्ड नंबर-1 को हराया। बिना बाजु के शीतल पैर से तीर चलाती हैं। टीम स्पर्धा में शीतल ने सिल्वर मेडल भी जीता। उनकी सफलता ने कई लोगों को प्रेरित किया है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाली 18 साल की तीरंदाज शीतल देवी की दुनिया मुरीद हो गई है। इस लिस्ट में भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह का नाम भी जुड़ गया है। युवराज सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए शीतल की जमकर तारीफ की है और उनको प्ररेणास्त्रोत बताया है।
शीतल ने महिला इंडीविजुअल कम्पाउंड आर्चरी में वर्ल्ड नंबर-1 तुर्किये की ओजनुर क्योर गिरडी को 146-143 से मात दी। इसी के साथ 18 साल की शीतल देवी ने इतिहास रच दिया था। शीतल देवी के बाजु नहीं हैं और पैर से तीर चालती हैं।
युवराज ने बताया प्रेरणा स्त्रोत
युवराज ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "बधाई हो शीतल इस देश को प्रेरणा देने के लिए और ये बताने के लिए कि हार न मानने वाली जिद से मजबूत कुछ भी नहीं है। बिना हाथों के पैदा होना और जिससे कहा गया कि तीरंदाजी मुश्किल है, 18 साल की शीतल देवी ने दर्द सहते हुए ट्रेनिंग की। आज वह भारत की पहली वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियन हैं। उन्होंने बताया है कि हिम्मत और विश्वास से हर एक बाधा को तोड़ा जा सकता है। उनकी जिंदगी एक जीता जागता उदाहरण है कि कोई भी सपना दूर नहीं होता और जब आप हार न मानने की ठान लो तो कोई भी बाधा पार कर सकते हो।"
Many congratulations Sheetal on inspiring a nation and showing the world that nothing is stronger than an unbreakable spirit!
— Yuvraj Singh (@YUVSTRONG12) September 28, 2025
Born without arms and told that archery was impossible, 18-year-old Sheetal Devi trained through pain and doubt to master her craft. Today she stands as… pic.twitter.com/QwtsvhRrIu
सिल्वर मेडल भी किया नाम
शीतल ने टीम स्पर्धा में सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया था। कंपाउंड महिला टीम इवेंट में उन्होंने सरिता के साथ जोड़ी बनाई और फाइनल में तुर्कीये की जोड़ी से हार गईं जिससे सिल्वर मेडल ही उनके हाथ में आया। शीतल की सफलता ने कई लोगों को प्ररेणा दी है और बहुत कम उम्र में इस खिलाड़ी ने नाम कमाया है।
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