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    'मेरे टीम से ड्रॉप होने से दो दिन पहले पिता को हार्ट अटैक आया था', भारतीय स्‍टार ने किया बड़ा खुलासा

    भारतीय टीम की स्‍टार खिलाड़ी शैफाली वर्मा ने निजी जिंदगी से जुड़ा अनुभव शेयर किया है। शैफाली ने बताया कि जब उन्‍हें टीम से ड्रॉप किया गया था उसके दो दिन पहले उनके पिता को हार्ट अटैक आया था। शैफाली ने टीम से ड्रॉप होने की खबर अपने पिता को एक सप्‍ताह बाद सुनाई थी। पता हो कि शैफाली को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया था।

    By Abhishek Nigam Edited By: Abhishek Nigam Updated: Thu, 16 Jan 2025 05:35 PM (IST)
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    शैफाली वर्मा ने घरेलू टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया

    स्‍पोर्ट्स डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आयरलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाई, जिसे विस्‍फोटक बैटर शैफाली वर्मा ने अपने घर में टीवी पर देखा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम का भविष्‍य माने जाने वाली शैफाली वर्मा को हाल ही में खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था।

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    शैफाली ने अपनी इस गलती से सबक लिया और बेहतर खिलाड़ी बनकर उभरी। शैफाली ने उस पल को याद किया जब टीम से बाहर हुईं थीं और उन्‍होंने इसकी जानकारी अपने पिता को नहीं दी थी क्‍योंकि टीम से ड्रॉप होने से दो दिन पहले शैफाली के पिता को हार्ट अटैक आया था।

    शैफाली वर्मा न्‍यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का हिस्‍सा थीं। इस सीरीज में उन्‍होंने क्रमश: 33,11 और 12 रन बनाए। चयनकर्ताओं ने फिर शैफाली को राष्‍ट्रीय टीम से बाहर किया और प्रतीका रावल को उनके विकल्‍प के रूप में शामिल किया। रावल ने काफी प्रभावित किया और छह मैचों में एक शतक व तीन अर्धशतक जड़ चुकी हैं।

    शैफाली वर्मा ने क्‍या कहा

    शैफाली वर्मा ने इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा, ''इससे उबर पाना आसान नहीं है। मैं टीम से बाहर होने की बात घर में नहीं बताना चाहती थी क्‍योंकि मेरे पिता को उससे करीब दो दिन पहले हार्ट अटैक आया था। जब तक वह ठीक नहीं हो गए, तब तक मैंने उनसे वो बात छिपाई। वो अस्‍पताल में थे। मैंने एक सप्‍ताह के बाद उन्‍हें यह बात बताई।''

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    पिता के जज्‍बे को सलाम

    ठीक होने के बाद से शैफाली के पिता लगातार अपनी बेटी के साथ काम कर रहे हैं। पिता शैफाली की शैली सुधारने पर ध्‍यान दे रहे हैं ताकि राष्‍ट्रीय टीम में दोबारा बेटी को शामिल किया जाए।

    पिता को सब पता है। कभी बच्‍चे होने के कारण हम अपनी ताकत भूल जाते हैं, लेकिन वो नहीं भूलते। उन्‍होंने मुझे बचपन में किए जाने वाले वर्कआउट और ड्रिल्‍स का ध्‍यान दिलाया। यह मेरी ताकत थी और कभी आपको इस पर काम करना होता है कि आप उस मामले में कितने बेहतर हो।

    शैफाली ने दिखाया दम

    शैफाली वर्मा ने भारतीय टीम से बाहर होने के बाद घरेलू स्‍तर पर दो टूर्नामेंट्स खेले। दाएं हाथ की महिला बैटर ने 12 मैचों में क्रमश: 527 और 414 रन बनाए। यह बात भी अच्‍छी है कि शैफाली जानती हैं कि उन्‍हें किन क्षेत्रों में सुधार की जरुरत है।

    शैफाली ने कहा, ''लगातार उन क्षेत्रों पर काम करना है, जब गेंदें मेरी ताकत वाले क्षेत्र में नहीं आती। कैसे मैं सिंगल लूं, कैसे स्‍ट्राइक रोटेट करूं, कैसे साझेदारी बनाऊं? सभी को मेरी ताकत पता है, लेकिन नियमित लक्ष्‍य सीखकर अच्‍छी पारी खेलना है।''

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