'याद रखने लायक पारी...,' फायर नहीं वाइल्ड फायर निकले NKR, क्रिकेट के 'भगवान' ने कर दी तारीफ
सचिन तेंदुलकर ने एमसीजी में अपने पहले टेस्ट शतक के दौरान नीतीश कुमार रेड्डी के धैर्य की प्रशंसा करते हुए इसे याद रखने लायक पारी बताया। उन्होंने 127 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी में वाशिंगटन सुंदर के बहुमूल्य सहयोग की भी प्रशंसा की जिसने भारत को मुकाबले में बनाए रखा। नीतीश कुमार रेड्डी ने 105 रन की नाबाद पारी खेली। सुंदर के साथ 127 रन की साझेदारी की।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। नीतीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ MCG में बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन 176 गेंद पर नाबाद 105 रन बनाकर अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दिया। युवा ऑलराउंडर की शानदार पारी की बदौलत भारत ने 191/6 के स्कोर से उबरते हुए दिन का खेल 358/9 पर समाप्त किया।
8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए नितीश ने पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड जैसे मजबूत ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने बहुत धैर्य दिखाया। उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के साथ 127 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, जिससे चौथे टेस्ट में भारत की उम्मीदें जिंदा रहीं।
सचिन ने की तारीफ
क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर नीतीश के पहले टेस्ट शतक की प्रशंसा की। सचिन ने लिखा कि नीतीश की यादगार पारी। उन्होंने मुझे पहले टेस्ट से ही प्रभावित किया है, और उनका धैर्य और धैर्य पूरे टेस्ट में देखने को मिला। आज, उन्होंने इस सीरीज में एक महत्वपूर्ण पारी खेलकर इसे एक पायदान ऊपर ले गए। वाशिंगटन सुंदर ने भी शानदार और सक्षम समर्थन दिया। बहुत बढ़िया खेला।
A knock to remember by Nitish. He has impressed me right from the 1st Test and his composure and temperament have been on display right through. Today he took it a notch higher to play a crucial innings in this series. Wonderfully and ably supported by @Sundarwashi5 as well.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) December 28, 2024
Well… pic.twitter.com/XA2asQVphR
नीतीश का शतक उन्हें महान क्रिकेटरों की कतार में खड़ा करता है। महज 21 साल की उम्र में वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बन गए। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर और ऋषभ पंत ही ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय हैं। नितीश की पारी ने न केवल मैच में भारत की स्थिति को ऊपर उठाया है, बल्कि फ्रैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों से भी प्रशंसा प्राप्त की है।
नीतीश कुमार बने संकटमोचक
उनका स्वभाव और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे के रूप में उनकी क्षमता को उजागर करती है। जैसे-जैसे चौथा दिन नजदीक आ रहा है, नितीश और सिराज इस कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली सीरीज में भारत की उम्मीदों को जीवित रखने के लिए संकटमोचक बनकर उतरे। नीतीश कुमार रेड्डी ने पर्थ टेस्ट से अपना डेब्यू किया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।