Border-Gavaskar Trophy: रोहित के सिडनी टेस्ट से बाहर होने पर कैसा था गंभीर का रिएक्शन? हिटमैन ने सुनाया किस्सा
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी। 5 मैचों की सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से अपने नाम किया था। सीरीज का आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला गया था। खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय कप्तान इस मुकाबले से बाहर हो गए थे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह ने भारतीय टीम की कमान संभाली थी। अब रोहित ने सिडनी टेस्ट को लेकर बात की है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार मिली थी। 5 मैचों की सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से अपने नाम किया था। सीरीज का आखिरी टेस्ट सिडनी में खेला गया था। खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय कप्तान इस मुकाबले से बाहर हो गए थे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह ने भारतीय टीम की कमान संभाली थी। अब रोहित ने सिडनी टेस्ट को लेकर बात की है।
रोहित शर्मा ने किया खुलासा
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह खुद और टीम के प्रति ईमानदार रहना चाहते थे। एक पॉडकास्ट पर माइकल क्लार्क से बात करते हुए रोहित शर्मा ने कहा कि कोच गौतम गंभीर और सिलेक्टर अजीत अगरकर को उन्होंने सिडनी टेस्ट से पहले सूचित किया था कि वह नहीं खेलेंगे, तो वह दोनों उनके फैसले से "सहमत और असहमत" थे।
रोहित शर्मा के लिए 2024-25 सीजन काफी खराब रहा। उन्होंने 15 पारियों में 10.83 की औसत से 164 रन बनाए। रोहित बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान खराब फॉर्म में थे। पितृत्व अवकाश के कारण वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का पहला टेस्ट भी नहीं खेले। एडिलेड में खेले गए दूसरे टेस्ट में रोहित की वापसी हुई।
रोहित का नहीं चला था बल्ला
वह 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। वे दोनों पारियों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए। ब्रिसबेन में खेले गए तीसरे टेस्ट में रोहित सिर्फ 10 रन ही बना पाए। यह मुकाबला ड्रॉ रहा। इसके बाद ओपनिंग करने उतरे रोहित मेलबर्न टेस्ट में तीन और नौ रन बना सके। चौथे टेस्ट के लिए शुभमन गिल को बाहर कर दिया गया और पांचवें और अंतिम टेस्ट में रोहित की जगह पर उनकी वापसी हुई।
हम चाहते थे कि गिल खेलें
रोहित शर्मा ने बियॉन्ड23 क्रिकेट पॉडकास्ट से कहा, "सिडनी में आखिरी टेस्ट मैच में मुझे खुद के साथ ईमानदार होना पड़ा। मैं गेंद को अच्छी तरह से हिट नहीं कर पा रहा था। मैं खुद को वहां नहीं रखना चाहता था क्योंकि हमारे पास बहुत से अन्य खिलाड़ी भी संघर्ष कर रहे थे। जब आप खुद को वहां जोड़ते हैं, तो यह थोड़ा और हो जाता है और हम चाहते थे कि गिल खेलें। वह बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। वह पिछले टेस्ट में चूक गए थे। मैंने सोचा ठीक है, अगर मैं गेंद को अच्छी तरह से नहीं मार पा रहा हूं, तो यह अभी है। दस दिन बाद, पांच दिन बाद चीजें बदल सकती हैं।
रोहित शर्मा ने कहा, "मैंने कोच और सिलेक्टर से बात की। वे सहमत थे भी और नहीं भी थे। इस पर बहस हुई। आप कोशिश करते हैं और टीम को पहले रखते हैं और देखते हैं कि टीम क्या चाहती है और उसके हिसाब से फैसला लेते हं। कभी-कभी यह काम कर सकता है, कभी-कभी नहीं। तो ऐसा ही होता है।
ये भी पढ़ें: Rohit Sharma stand: वानखेड़े स्टेडियम में दिखेगा नया नजारा, जानें क्या है यह माजरा
उन्होंने कहा, "आप जो भी निर्णय लेने की कोशिश करते हैं, उसमें आपको सफलता की गारंटी नहीं होती। जब से मैंने नेशनल टीम की कप्तानी शुरू की है, मैं चाहता हूं कि सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि बाकी खिलाड़ी भी ऐसा ही सोचें। टीम को प्राथमिकता दें और टीम के लिए जो जरूरी है, वही करें।'मेरे रन, मेरे स्कोर' और इस तरह की चीजों के बारे में ज्यादा चिंता न करें। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आप एक टीम खेल खेल रहे हैं।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।