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    जब पिता की मौत के बाद सचिन तेंदुलकर ने वर्ल्ड कप में जड़ा था शतक, टीम इंडिया को संकट से निकाला

    By TaniskEdited By:
    Updated: Sun, 23 May 2021 04:59 PM (IST)

    22 साल पहले आज ही के दिन महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने विश्व कप में केन्या के खिलाफ 140 रनों की पारी खेली थी। तेंदुलकर के लिए यह काफी भावनात्मक मैच था क्योंकि वह अपने पिता के निधन के बाद मैच खेल रहे थे।

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    महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर । (फोटो- एएनआइ)

    नई दिल्ली, एएनआइ। 22 साल पहले आज ही के दिन महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने विश्व कप में केन्या के खिलाफ 140 रनों की पारी खेली थी। ब्रिस्टल में खेले गए इस मैच में, तेंदुलकर ने सिर्फ 101 गेंदों में 140 रनों की नाबाद पारी खेली और भारत ने इस मैच में दो विकेट पर 329 रन का स्कोर खड़ा किया। तेंदुलकर के लिए यह काफी भावनात्मक मैच था क्योंकि वह अपने पिता के निधन के बाद मैच खेल रहे थे। भारत विश्व कप में संघर्ष कर रहा था और उन्होंने इस प्रदर्शन से भारत को पटरी पर ला दिया। टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में मैन इन ब्लू का सामना दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ था और टीम को जैक कैलिस के शानदार प्रदर्शन के कारण हार का सामना करना पड़ा था। 

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    भारत अपने अगले मैच में जिम्बाब्वे का सामना करने के लिए तैयार था, तभी तेंदुलकर को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए घर आना पड़ा। इसके बाद भारत को जिंबाब्वे के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और सुपर सिक्स में क्वालीफाई करने के लिए टीम को अपने बाकी के तीनों मैच जीतने की जरूरत थी। तेंदुलकर केन्या के खिलाफ मैच खेलने के लिए इंग्लैंड लौट आए। वह केन्या के खिलाफ मैच में राहुल द्रविड़ के साथ तीसरे विकेट के लिए 237 रन की साझेदारी में शामिल रहे। द्रविड़ ने भी शतक बनाकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। 

    देबाशीष मोहंती ने तब भारत के लिए शानदार गेंदबाजी की उन्होंने चार विकेट लिए। टीम इंडिया को 94 रन से जीत मिली । भारत सुपर सिक्स में पहुंचने में सफल रहा, लेकिन टीम 1999 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में विफल रही। बता दें कि तेंदुलकर  खेल के सबसे लंबे प्रारूप टेस्ट क्रिकेट और वनडे में सबसे ज्यादा रन और शतक बनाने वाले बल्लेबाज है। टेस्ट में उन्होंने 15,921 रन बनाए हैं। साथ ही सबसे अधिक 51 टेस्ट शतक जड़े हैं। वनडे में तेंदुलकर ने 18,426 रन बनाए हैं, जिसमें 49 शतक शामिल हैं। तेंदुलकर ने 24 साल तक चले अपने करियर के दौरान छह विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया। वह 2011 विश्व कप विजेता टीम के भी हिस्सा थे।