MS Dhoni ने भारत के लोगों की फिटनेस को लेकर जताई चिंता, अपनी बेटी Ziva के बारे में कर डाला चौंकाने वाला खुलासा
एमएस धोनी ने कहा कि भारत में लोगों की फिटनेस नीचे जा रही है क्योंकि वो पर्याप्त खेल नहीं खेलते हैं। धोनी भारत के सबसे फिट क्रिकेटरों में से एक हैं। उन्होंने रांची में एक इवेंट के दौरान भारतीय लोगों की फिटनेस पर चिंता जताई और अपनी बेटी जीवा के बारे में भी एक चौंकाने वाला खुलासा किया। धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी अब भी आईपीएल में एक्टिव हैं। धोनी लगातार प्रभावित करने का काम जारी रखे हुए हैं।
2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद धोनी आईपीएल में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं। स्टंप्स के पीछे उनकी चुस्ती-फुर्ति देखते बनती है। धोनी की खूबियां उनकी शानदार फिटनेस के कारण बरकरार हैं।
बेटी के बारे में धोनी का खुलासा
जहां एमएस धोनी मिसाल बनकर नेतृत्व करते दिख रहे हैं, वहीं उन्होंने भारतीय लोगों की फिटनेस में गिरावट पर चिंता जाहिर की है। विशेषकर बच्चों में फिटनेस की कमी देखकर उन्होंने चिंता व्यक्त की। रांची में एक इवेंट के दौरान धोनी ने बताया कि उनकी बेटी जीवा के लिए ऐसा माहौल बनाना पड़ता है कि वो शारीरिक गतिविधियों में शामिल हो सके।
Ms Dhoni speaking about fitness of Indians at event in Ranchi Last night. pic.twitter.com/FZThpQNuVs
— 𝐑𝐮𝐬𝐡𝐢𝐢𝐢⁴⁵ (@rushiii_12) July 21, 2025
एमएस धोनी ने क्या कहा
आजकल उम्र कम होने लगी है, मतलब कि शारीरिक गतिविधियों में गिरावट हुई है। तो भारतीय होने के नाते हमारा औसत फिटनेस स्तर गिरा है। मेरी बेटी के बारे में मुझे लगता है कि वो ज्यादा शारीरिक गतिविधि नहीं करती है। वो खेल में शामिल नहीं हैं तो हमें योजना बनाना पड़ती है कि कहां आप शारीरिक सक्रिय रहेंगी। ऐसे चलता है। कई लोग खेल नहीं खेलते हैं।
धोनी की गजब कप्तानी
बता दें कि एमएस धोनी ने 2004 में इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की और 2007 में कप्तानी हासिल की। अपने खेलने वाले दिनों में एमएस धोनी अपनी फिटनेस के लिए मशहूर रहे। धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती हैं।
एमएस धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद आईपीएल में खेलना जारी रखा और अपनी फिटनेस कायम रखी। एमएस धोनी के प्रदर्शन ने युवाओं को फिटनेस के लिए प्रेरित किया। उन्होंने साबित किया कि अगर अनुशासन और प्रतिबद्धता हो तो उम्र महज एक आंकड़ा हैं।
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