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    छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा निर्णय : अब विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष की बजाय एक बार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे

    By Jagran NewsEdited By: Vijay Kumar
    Updated: Thu, 10 Nov 2022 06:43 PM (IST)

    विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे। यह कालातीत नहीं होगा यह सर्वदा के लिए होगा। बार-बार जारी किये जाने की आवश्यकता नही। प्रत्येक वर्ष निरंतर ही जारी रखें जायें शिविर। आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किये जाएं।

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    सरकार के निर्णय के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

    रायपुर, डिजिटल डेस्क : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के स्थान पर एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाएं। विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे। राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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    स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र होगा

    सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) की मान्यता समय के द्वारा सीमित नहीं होगी अर्थात् यह कालातीत नहीं होगा यह सर्वदा के लिए होगा।

    बार-बार जारी किये जाने की आवश्यकता नही

    यह एक तरह से स्थाई अभिलेख है। बार-बार जाति प्रमाण जारी किये जाने की आवश्यकता नही है. जाति प्रमाण पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इसका डुप्लीकेट भी जारी किया जा सकेगा।

    प्रत्येक वर्ष निरंतर ही जारी रखें जायें शिविर

    कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित समस्त शासकीय, निजी शालाओं एवं केन्द्रीय बोर्ड की शालाओं में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र उनकी शालाओं में अध्ययनरत होने के दौरान ही उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार कर शालाओं में वितरित किये जायें तथा उक्त शिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष निरंतर रूप से जारी रखें जायें।

    आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किये जाएं

    पाठशालाओं में लंबित जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किये जाएं। कलेक्टरों को इस संबंध में मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।