पत्नी के साथ सेल्फी बना 'काल', जानिए कौन है एनकाउंटर में ढेर चलपति; सिर पर था 1 करोड़ का इनाम
छत्तीसगढ़ के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कल रात हुए एनकाउंटर में 20 माओवादी ढेर हो गए। सुरक्षाबलों ने नक्सली कमांडर जयराम रेड्डी उर्फ चलपति को भी मार गिराया। चलपति पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था। वह अपने साथ सुरक्षा के लिए 8 से 10 पर्सनल गार्ड लेकर चलता था। कल एनकाउंटर में उसके साथी भी ढेर हो गए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जयराम रेड्डी को कई उपनामों से जाना जाता था- रामचंद्र रेड्डी, अप्पाराव, रामू। लेकिन उसका सबसे चर्चित उपनाम था- चलपति। चलपति माओवादी रैंक का सीनियर लीडर था।
छत्तीसगढ़ के जंगल में कल रात चलपति और उसके 19 साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। इसे सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन की एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
कौन था जयराम रेड्डी?
जयराम रेड्डी आंध्र प्रदेश के चित्तूर का रहने वाला था। वह केवल 10वीं तक ही पढ़ा था। अपने सामान्य शैक्षणिक बैकग्राउंड के बावजूद वह माओवादी रैंक में प्रमुखता से आगे बढ़ा और निर्णय लेनी वाली संस्था सेंट्रल कमेटी मेंबर का कैडर बन गया।
Another mighty blow to Naxalism. Our security forces achieved major success towards building a Naxal-free Bharat. The CRPF, SoG Odisha, and Chhattisgarh Police neutralised 14 Naxalites in a joint operation along the Odisha-Chhattisgarh border. With our resolve for a Naxal-free…
— Amit Shah (@AmitShah) January 21, 2025
वह प्रतिबंधित संगठन के संचालन में अहम भूमिका निभाता है। उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम भी रखा गया था। इनाम की रकम से ही पता चलता है कि वह सुरक्षाबलों के लिए कितना अहम टारगेट था। वह करीब 60 साल का था।
सिक्योरिटी में चलता था रेड्डी
- चलपति बस्तर के घने जंगलों से पूरी तरह वाकिफ था। वह नक्सलियों के नेटवर्क में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके सुरक्षा दस्ते में 8 से 10 निजी गार्ड होते थे।
- एके-47 और एसएलआर राइफल जैसे एडवांस हथियारों से लैस चलपति एक फ्रंटलाइन लीडर था, जो रणनीति बनाने और संचालन का नेतृत्व करने में अहम भूमिका निभाता था। चुनौतीपूर्ण इलाकों में संसाधन जुटाने की क्षमता और लीडरशिप के दम पर वह माओवादियों में काफी कुख्यात हो गया।
काफी मात्रा में गोला-बारूद बरामद
आपको बता दें कि जिला रिजर्व गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, छत्तीसगढ़ के कोबरा कमांडो और ओडिशा के विशेष ऑपरेशन समूह की एक संयुक्त टीम के एनकाउंटर में चलपति और उसके साथी ढेर हो गए, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
सुरक्षा बलों ने जानकारी मिली थी कि कुछ माओवादी ओडिशा सीमा से लगभग 5 किमी दूर छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व फॉरेस्ट में छिपे हुए हैं। घटनास्थल पर एक सेल्फ-लोडिंग राइफल सहित बंदूकें, गोला-बारूद और बम पाए गए।
अमित शाह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'नक्सलवाद पर एक और करारा प्रहार। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया। नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और हमारे सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से, नक्सलवाद आज अंतिम सांस ले रहा है।'
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