Chhattisgarh News: अब पेन, पेंसिल-दुपट्टे से भी अपनी रक्षा कर सकेंगी बेटियां, स्कूलों में सिखाए जा रहे नए गुर
जिला प्रशासन की ओर से राज्य भर में बेटियों को आत्मरक्षा के लिए नई ट्रेनिंग दी जा रही है। छेड़छाड़ अपहरण जैसी घटनाओं का सामना करने के लिए राज्य में बेटियों को यह नई ट्रेनिंग दी जा रही है।

छत्तीसगढ़, रायपुर: जिला प्रशासन की ओर से राज्य भर में बेटियों की आत्मरक्षा के लिए नई ट्रेनिंग दी जा रही है। छेड़छाड़, अपहरण जैसी घटनाओं का सामना करने के लिए बेटियों को स्कूलों में कराटे का प्रशिक्षण पहले से ही दिया जा रहा है, लेकिन बिना हथियार के यह हमेशा कारगर नहीं होता। इस बात को ध्यान में रखते हुए लड़कियों को नए तरीके से आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है। अब लड़कियों के पास उपलब्ध वस्तुओं को ही हथियार के रूप में उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत नई ट्रेनिंग
राज्य में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत अब कराटे के साथ ही हथियार के रूप में चाबी की चेन, दुपट्टा, चुनरी, मफलर, बैग, पेन, पेंसिल, नोटबुक जैसे सामानों का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण लड़कियों के दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से जांजगीर-चांपा जिले में 744 मिडिल और 290 हाई व हायर सेकेंडरी मिलाकर कुल 1,034 स्कूलों की 39 हजार छात्राओं को यह प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
पहले प्रदेशभर में स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम भी चलाया था
पहले भी राज्य के स्कूलों में बेटियों को आत्मरक्षा के कई तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। छत्तीसगढ़ की बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए प्रदेशभर में स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम भी चलाया गया था। इसके तहत 14 से 18 वर्ष तक की स्कूली छात्राओं को ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए कई विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया था। इसके तहत सेल्फ अवेयरनेस, कम्युनिकेशन और रिलेशनशिप, आत्मरक्षा, च्वाइसेस एंड डिसीजन और फ्रैंडशिप एंड टेम्पटेशन का प्रशिक्षण दिया गया था।
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