Ganesh Utsav 2022: गणेश पंडाल में आरती में रोज शामिल होती है गौमाता, प्रसाद ग्रहण कर लौट जाती है
Ganesh Utsav 2022 सिद्धिविनायक महिला समिति की ओर से शिवाजी नगर के द्वारका बिहार में गणपति पूजा का आयोजन किया गया है। यहां प्रतिदिन एक गौ माता आरती के समय आती है और प्रसाद ग्रहण कर लौट जाती है। बुधवार को यहां तो गाय एक साथ आयी थी।

रायपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। Ganesh Utsav 2022: गौ माता सुबह और शाम की आरती के दौरान गणेश पंडाल में आती है और प्रसाद लेकर ही वापस जाती हैं। यह दिलचस्प दृश्य दलदल सिवनी के एक गणेश पंडाल का है। सिद्धिविनायक महिला समिति ने यहां शिवाजी नगर के पास स्थित द्वारका बिहार में गणेश जी की स्थापना की है।
समिति से जुड़ी रिद्धि शांडिल्य के अनुसार पंडाल में गणेश जी की स्थापना के दूसरे दिन से ही गौ माता यहां रोज सुबह-शाम आकर खड़ी होती हैं। जब तक गणेश जी की आरती होती है वो पंडाल में खड़ी रहती है और प्रसाद खाने के बाद लौट जाती है।
रिद्धि शांडिल्य ने बताया कि बुधवार को सफेद और काली दोनों गाय एक साथ यहां आईं थी। बुधवार भगवान गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
मानवीय व्यवहार समझते हैं जानवर
इस पर पंडित शिवानंद शास्त्री का कहना है कि गौ माता यहां प्रतिदिन भगवान गणेश के दर्शन व पूजा के लिए आती है। गौ माता अपनी मुक्ति का मार्ग ढूंढ रही हैं। गणपति भगवान शिव के पुत्र हैं और शिव नंदी की सवारी करते हैं।
इस प्रकार गौ माता नंदी की मां हुई। बहुत से जानवर ऐसे होते हैं जो मानवीय व्यवहार को समझते हैं। इसलिए गौ माता सुबह शाम गणपति की जी की आरती में शामिल हो उनके दर्शनों के लिए आती हैं।
गाय को देख स्थान छोड़ देते हैं लोग
समिति सदस्य रामेश्वरी वर्मा, सुशीला महिलांग, सुषमा साहू, इंदु साहू, प्रीति निगम, मीनाक्षी चौहान, हेमलता वर्मा, पूर्णिमा वर्मा, सालू गुप्ता, किरण वर्मा आदि ने कहा कि यहां सफेद रंग की गाय रोज आती है। ये गाय पंडाल में उपस्थित लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाती है।
जब गाय पंडाल में आती है तो लोग उनके लिए कुछ स्थान छोड़ देते हैं और वह पूरी आरती के समय वहां मौजूद रहती है और प्रसाद ग्रहण कर लौट जाती हैं। यहां मौजूद हर कोई इस अनोखे नजारे को देखकर मन ही मन सोचता है कि इस गौ माता का गणेश जी से क्या संबंध है। यहां उपस्थित भक्त उनकी फोटो और वीडियो भी बनाते हैं।
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