क्या है राज्य सरकार की छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना, कैसे पशुपालकों और किसानों को मिलेगा लाभ? जानें सबकुछ
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए साल 2020 में छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत लाभार्थियों को धनराशि सीधे उनके अकाउंट में दी जाती थी। इस योजना के लिए कोई भी आसानी से अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए अपना आवेदन दे सकता है। इस योजना के तहत राज्य की सरकार ने दो चरण बनाए हैं।
रायपुर, ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों और पशुपालकों के लिए साल 2020 में एक योजना शुरू की थी। इस योजना को सरकार ने छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना का नाम दिया था। राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना गाय पालने वाले किसान और पशुपालकों के लिए काफी लाभकारी है।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना क्या है और इसके लिए किसान तथा पशुपालक कैसे अप्लाई कर सकते हैं। साथ ही, आखिर किसानों को इस योजना में कैसे लाभ मिलेगा।
किसानों और पशुपालकों के लिए योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना (Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत 20 जुलाई, 2020 को की थी। यह योजना राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए बनाई गई है। दरअसल, इस योजना के तहत राज्य में जो भी किसान गाय पालता है, उससे गाय का गोबर खरीदा जाता है। इस योजना से उनकी आय में वृद्धि होती है।
गोबर खरीद की पहली योजना
गाय का गोबर खरीदने के बाद सरकार इसका इस्तेमाल वर्मी कम्पोस्ट खाद्य को बनाने के लिए करती है। गाय के गोबर से जो खाद्य बनाया जाता है, वह खेती व पेड़-पौधे के लिए अच्छा माना जाता है। यह खाद्य ऑर्गेनिक होता है, इसलिए इसे अधिक महत्व दिया जाता है।
राज्य का कोई भी किसान या पशुपालक इस योजना के लिए अपना आवेदन दे सकता है। इसके लिए उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एक फॉर्म भरना होता है। कोई भी आसानी से अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए इस योजना के लिए अपना आवेदन दे सकता है।
क्या हैं जरूरी अहर्ताएं?
इस योजना के तहत लाभार्थियों को धनराशि सहकारी बैंक के जरिये डायरेक्टर बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किये जा रहे हैं। डीबीटी के लिए जरूरी है कि आवेदक का बैंक खाता होना चाहिए और वो आधार नंबर से भी जुड़ा हुआ हो।
क्या है सरकार की योजना?
राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना गाय पालने वाले किसानों व पशुपालकों के लिए बहुत ही लाभकारी है। छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना में रजिस्टर्ड सभी आवेदकों से सरकार गोबर खरीदना जारी रखती है। इस योजना के तहत राज्य सरकार का उद्देश्य है कि जब पशु दूध देना बंद कर दें, तो पशुपालक उन्हें आवारा भटकते हुए न छोड़े। इसके द्वारा भटकते पशुओं की समस्या का कम किया जा सकता है।
जरूरी दस्तावेज
योजना से जुड़ने ने के लिए एक आवेदक के पास आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाणपत्र, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, बैंक पासबुक, आय प्रमाणपत्र, वोटर ID कार्ड आदि होना चाहिए। आवेदन करते समय आवेदक कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ली जाती है। यदि किसी प्रक्रिया में गड़बड़ रह जाती है, तो आवेदन खारिज कर दिया जाता है।
आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का प्रयास
जून 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के हितग्राहियों के खाते में 12 करोड़ 72 लाख करोड़ का भुगतान किया है। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक लाभार्थियों को कुल 488 करोड़, 67 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
2 रुपये किलो के हिसाब से खरीद
इस योजना के तहत राज्य की सरकार ने दो चरण बनाए हैं। पहले चरण में 2,240 गोशालाओं को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है और दूसरे चरण में पशुपालकों से खाद्य बनाने के लिए गाय का गोबर खरीदा गया। सरकार ने पशुपालकों से 2 रुपये किलो के हिसाब से गोबर की खरीद की है।
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