छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे का खाका तैयार, खुलेंगे 50 नए सुरक्षा कैंप; जानिए क्या है पूरा प्लान
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के गठन के बाद से अब तक 60 सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं जिनमें अकेले बस्तर संभाग में 41 कैंप स्थापित किए गए हैं। नियद नेल्ला नार योजना के तहत जिलों में खोले गए शिविरों से नक्सलियों का दबदबा खत्म हो गया है। सुकमा-आंध्रप्रदेश सीमा क्षेत्र के उसकावाया व ओडिशा सीमा से लगे क्षेत्रों में भी जल्द सुरक्षा कैंप खुलेंगे।

जेएनएन, संदीप तिवारी। छत्तीसगढ़ में सरकार की अपील को नजरअंदाज कर हथियार नहीं छोड़ने वाले नक्सलियों के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई की तैयारी शुरू हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को रायपुर में हुई बैठक में अंतिम लड़ाई का खाका तैयार किया गया है। इसमें तय किया गया है कि छह महीने में छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में 50 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएंगे।
इसके साथ ही हर पांच किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा चौकियां बनाकर सिक्योरिटी ग्रिड तैयार की जाएगी। राज्य के जंगली और दुर्गम इलाकों में पांच किलोमीटर से 25 किलोमीटर तक की उड़ान भरने वाले ड्रोन से निगरानी होगी। संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलते सुरक्षा बल की संयुक्त टीम तत्काल कार्रवाई करेगी।
शाह की अगुवाई में होगी बैठक
रणनीति ऐसी बनाई गई है कि नक्सली किसी भी हालत में बचकर न भाग सकें और न ही कोई नया ठिकाना बना सकें। बता दें कि 15 से 20 अप्रैल के बीच दिल्ली में अमित शाह की अगुवाई में होने वाली आगामी बैठक में छत्तीसगढ़ समेत सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के गृहमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों से समन्वय स्थापित कर नक्सलियों की घेरेबंदी कर उन्हें समाप्त करने की अंतिम योजना पर चर्चा होगी।
नक्सलवाद के खात्मे के लिए निर्णायक रणनीति बनाई गई है। जहां-जहां सुरक्षा कैंप की जरूरत है, वहां शीघ्र कार्ययोजना के तहत काम किया जाएगा।
- विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री, छत्तीसगढ़
खासकर छत्तीसगढ़ से लगने वाले राज्यों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई जाएगी ताकि नक्सली वहां शरण न ले सकें। मिशन कगार-2026 के अंतर्गत बस्तर में अभी 60 हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। सीआरपीएफ की चार नई बटालियनें भी तैनात की गई हैं।

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