छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों की सशर्त शांति वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया, डिप्टी सीएम बोले- नहीं होगा कोई समझौता
गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले नक्सलियों ने सशर्त शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने ठुकरा दिया। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि वार्ता भारतीय संविधान के दायरे में ही होगी। बीते 15 महीनों में 380 से अधिक नक्सली मारे गए और 1116 ने समर्पण किया।मध्य प्रदेश के मंडला जिले में सुरक्षा बलों ने दो महिला नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। गृह मंत्री अमित शाह के चार और पांच अप्रैल के दौरे के पहले सुरक्षा बल के चौतरफा दबाव से बैकफुट पर आए नक्सलियों ने सशर्त शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने ठुकरा दिया है। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन नक्सल हिंसा पर कोई समझौता नहीं होगा।
नक्सलियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने पर्चा जारी कर सशर्त शांति वार्ता की मांग रखी है। इसमें कहा गया है कि 15 महीनों में केंद्र और राज्य सरकार विशेषकर छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन को तेजी से बढ़ा रही है। इससे देश भर में 400 से अधिक नक्सली मारे गए और सैकड़ों गिरफ्तार किए गए हैं।
नक्सल संगठन किसी भी समय शांति वार्ता के लिए तैयार है। इस पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि नक्सली वास्तव में मुख्य धारा में लौटना चाहते हैं और बातचीत के लिए इच्छुक हैं तो उन्हें अपने प्रतिनिधि और वार्ता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा। वार्ता का स्वरूप आइएसआइएस जैसी किसी कट्टरपंथी विचारधारा की तर्ज पर नहीं हो सकता है। यदि कोई चर्चा करना चाहता है तो उसे भारतीय संविधान की मान्यता स्वीकार करनी होगी।
वार्ता की बात इसलिए कर रहे नक्सली
गृहमंत्री अमित शाह के मार्च-2026 तक नक्सलियों के समूल सफाए की डेडलाइन को लेकर सुरक्षा बलों की ओर से 15 माह में अभियान तेज किया गया है। इस अवधि में प्रदेश में मुठभेड़ों में 380 नक्सली मारे गए हैं, जबकि नक्सल संगठन इसे 400 से अधिक बता रहे हैं। इसी अवधि में ही नक्सलियों की केंद्रीय व प्रदेश समिति के शीर्ष नेता चलपति, गुड्डू, सत्यम गावड़े, दामोदर, जगदीश, रेणुका, सुधाकर, जोगन्ना, कार्तिक, निधि, सागर आदि मारे गए। उधर, बस्तर में अब तक 1,116 नक्सली समर्पण कर चुके हैं। करीब एक हजार नक्सलियों की गिरफ्तारी से भी संगठन कमजोर पड़ा है। इतना ही नहीं, 15 माह में 40 से अधिक अग्रिम सुरक्षा चौकी खोली गई हैं। इससे नक्सली संगठन का विस्तार नहीं कर पा रहे। प्रदेश में डबल इंजन सरकार आने के बाद से (आपका अच्छा गांव) योजना प्रारंभ है और अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकानों का विस्तार हो रहा है। इससे नक्सलियों का जनाधार खिसक कर सरकार के साथ जुड़ता जा रहा है।
मप्र के मंडला में 14-14 लाख की इनामी दो महिला नक्सली ढेर
मध्य प्रदेश में मंडला जिले के बिछिया थाना क्षेत्र के कान्हा स्थित माछादादर के जंगल में बुधवार सुबह मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 14-14 लाख की इनामी दो महिला नक्सलियों को ढेर कर दिया। उनकी पहचान छत्तीसगढ़ की सुकमा निवासी प्रमिला उर्फ मांसे मंडावी और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली निवासी ममता उर्फ रामबाई मंडावी के रूप में की गई है। दोनों भोरमदेव एरिया कमेटी की सदस्य थीं।
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर, मैगजीन, वाकी-टाकी सेट सहित अन्य दैनिक उपयोग का सामान बरामद किए गए हैं। आपरेशन में हाकफोर्स के 250 से अधिक जवान शामिल थे। सुबह सर्चिंग के दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर उनके हथियार लूटने की नीयत से अंधाधुंध फायरिंग की। जवाबी फायरिंग में महिला नक्सली मारी गईं। उनके फरार साथियों की जंगल में तलाश की जा रही है। बता दें कि पिछले डेढ़ महीने में बालाघाट और मंडला में यह तीसरी मुठभेड़ थी। तीनों मुठभेड़ों में सात नक्सली मारे गए।
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