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    CG News: साइबर ठगों का नया अड्डा बना रायपुर, 1800 करोड़ रुपये की ठगी का पर्दाफाश

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 07:50 AM (IST)

    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठग सक्रिय हो चुके हैं और साइबर ठगों ने रायपुर को नया अड्डा बना लिया है। ठग द्वारा म्यूल खाते खोलकर 1800 करोड़ रुपये खपाने के मामले में पुलिस की जांच में पता चला है कि ठग फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने अभी तक 98 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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    छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों ने खपाए 1800 करोड़ रुपये

    जेएनएन, छत्तीसगढ़। कुछ समय पहले झारखंड के जामताड़ा से साइबर ठगी की वारदातें अपने चरम पर थी। अब झारखंड का पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ साइबर ठगों का नया अड्डा बन चुका है। राजधानी रायपुर में साइबर ठगों ने काफी अधिक मात्रा में ठगी की राशि खपाई है।

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    ठग म्यूल खातों का कर रहे इस्तेमाल

    पुलिस की जांच में ये पता चला है कि, ठगों ने रायपुर में करीब पांच हजार खाते खोलकर 1800 करोड़ रुपये की ठगी करने का राजफाश हुआ है। पुलिस ने अब तक दो हजार म्यूल खाते (ठगी के लिए दूसरे के नाम से खोले गए खाते) बंद कराए हैं और तीन हजार संदिग्ध खातों की जांच शुरू हो चुकी है।

    कमीशन में बांटे जा रहे हर महीने 10-12 हजार रुपये

    पुलिस और साइबर विंग की जांच में ये सामने आया है कि ठगों का एक गिरोह लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे दस्तावेज लेकर म्यूल खाते खोल रहा है। इसके बदले में किसी को एकमुश्त, तो किसी को हर महीने के हिसाब से 10-12 हजार रुपये कमीशन दिया जा रहा है।

    पुलिस ने जांच के बाद करीब 98 लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ ही कुछ बैंकों को भी जांच के दायरे में लाया गया है। बता दें, पिछले एक वर्ष में 11 हजार से ज्यादा ऐसे सिम कार्ड का पता चला है, जिससे राज्य के अलग-अलग इलाकों में ठगी की गई है।

    आईजी ने दी जानकारी

    सिर्फ ठगी के लिए ही नहीं, नया बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए भी ठग सिम कार्ड खरीद रहे हैं। फिर इन नंबरों का इस्तेमाल करके नेट बैंकिंग के जरिए ठगी की वारदात की जा रही है।

    रायपुर रेंज के आईजी ने बताया, "जांच के बाद पुलिस ने 2000 खाते बंद कराए हैं और अभी तक 98 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही ठगी की रकम से जुड़े एक ट्रांक्जेक्शन की जांच के लिए बैंकों के 20-20 खातों की जानकारी लेनी पड़ रही है। ठगी की रकम अलग-अलग खातों में डालकर फिर निकासी की जाती है"।

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