CG Nikay Chunav Results: कांग्रेस बचाएगी गढ़ या बढ़ेगा भाजपा का दबदबा, फैसला आज; नौ बजे से शुरू होगी मतगणना
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव 2025 के लिए आज होने वाली मतगणना प्रक्रिया के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय कर रहा है। राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने नया रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
संदीप तिवारी, रायपुर। मतदाताओं का जनादेश आज सार्वजनिक होगा। प्रदेश के 14 में से 10 नगरीय निकायों में महापौर किस दल का होगा, यह सुबह नौ बजे से शुरू होने वाली मतगणना पूरी होने के बाद मालूम चल जाएगा। इस बार महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष होने से कांग्रेस के सामने अपने पुराने गढ़ों को बचाने की चुनौती है। वहीं भाजपा ने इस बार ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का दावा किया है।
ऐसे में मतदाताओं के मत तय करेंगे कि कांग्रेस अपने गढ़ों को बचाने में कामयाब होती है या फिर भाजपा के ट्रिपल इंजन के दावों को मजबूती मिलती है। हालांकि पिछली बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। अभी भाजपा की सरकार है। ऐसे में प्रदेश का समीकरण बदला हुआ है।
2019 के निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष चुने गए थे महापौर
पिछली बार 2019 के नगरीय निकाय चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महापौर चुनने के नियम में बदलाव करके अपने पसंदीदा लोगों को महापौर बनाया था। महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया था। रायपुर में एजाज ढेबर महापौर बने थे। इसके अलावा प्रदेश के 14 में से 13 निगमों में कांग्रेस की ही शहरी सरकार रही।
निकायों में कांग्रेस के पक्ष में निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन दिया था और कांग्रेस के ही महापौर-अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। उस समय निर्दलीय पार्षदों का समर्थन प्राप्त करके अपना महापौर बनाने के लिए कड़ी मशक्कत हुई थी। इस बार तस्वीर बदली है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जनता को ही अपना महापौर चुनने का मौका दिया है। इस पर मतदाताओं ने पार्षद और महापौर दोनों के लिए अपना मत दिया है। 2019 के चुनाव में प्रदेश के 151 निकायों के दो हजार 840 पार्षद पद के चुनाव में कांग्रेस ने एक हजार 283 वार्डों में जीत दर्ज की थी। वहीं, भाजपा को एक हजार 131 वार्डों में जीत मिली थी। प्रदेश में 36 पार्षद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और 364 पार्षद निर्दलीय जीतकर पहुंचे थे।
2014 के चुनाव में सत्ता में रही भाजपा को मिला था झटका
2014 के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की सत्ताधारी भाजपा की तत्कालीन डॉ. रमन सिंह सरकार को करारा झटका दिया था। 10 में से 4 नगर निगमों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। दो निकायों में निर्दलीय जीते थे और भाजपा को चार निगमों में जीत मिली। रायपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर और कोरबा में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे।
छत्तीसगढ़ की पहली थर्ड जेंडर महापौर बनी थीं
भाजपा को दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी और राजनांदगांव में जीत मिली थी। रायगढ और चिरमिरी में दो निर्दलीय जीते थे। रायगढ़ नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार मधु किन्नर ने 9500 वोट से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया था। वे छत्तीसगढ़ की पहली थर्ड जेंडर महापौर बनी थीं। चिरमिरी नगर निगम में निर्दलीय डमरू रेड्डी विजयी हुए थे। उन्होंने भाजपा के संजय सिंह को पटखनी दी थी। डमरू कांग्रेस से बागी होकर मैदान में थे। इसके बावजूद उन्हें जनता का जबरदस्त रिस्पांस मिला था।
2009 के निकाय चुनाव में ये थी स्थिति
2009 के नगरीय चुनाव में जगदलपुर, अंबिकापुर, चिरमिरी, रायगढ़ और कोरबा में भाजपा को जीत मिली थी। इस बार भाजपा का दावा है कि सभी 10 निकायों में उनकी सरकार होगी। अब इसका फैसला तो जनादेश से ही होगा।
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