Chhattisgarh: खुद को तैरना नहीं आता फिर भी अमन ने बचाई डूबते दोस्त की जान, अब मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
एक दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त को बचा कर दोस्ती की मिसाल कायम की है। इस कार्य के लिए अमन ज्योति को राज्य वीरता पुरस्कार के बाद अब राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उसने अपनी जान दांव पर लगाकर अपने दोस्त को डूबने से बचाया था।
कोरबा। अमन ज्योति को राज्य वीरता पुरस्कार के बाद अब राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उसने अपनी जान दांव पर लगाकर अपने दोस्त को डूबने से बचाया था। वहां मौजूद अमन सहित अन्य लोगों को भी तैरना नहीं आता था। फिर भी अमन ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए पानी में छलांग लगा कर अपने दोस्त की जान बचा ली।
अमन के इस वीरता और साहसपूर्ण कार्य के लिए 26 जनवरी के दिन राज्यपाल अनुसूईया उइके उन्हें सम्मानित करेंगी। अमन को राज्य वीरता पुरस्कार 26 जनवरी के दिन राज्य स्तरीय समारोह में प्रदान किया जाएगा। राज्य वीरता पुरस्कार के तहत अमन को 15 हजार रुपये नगद चेक राशि, प्रशस्ति पत्र और चांदी का मेडल प्रदान किया जाएगा।
राज्य वीरता पुरस्कार के लिए कोरबा के अमन सहित धमतरी के शौर्य का भी चयन किया गया है। दोनों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार चयन के लिए अधिकृत नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद कमेटी के द्वारा किया गया है।
इस कमेटी में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित नेता प्रतिपक्ष और इंटेलिजेंस के पुलिस महानिदेशक शामिल हैं। अमन राज्य वीरता पुरस्कार के चयनित होने पर बेहद खुश हैं। अमन का कहना है कि उन्होंने अपने भाई सामान दोस्त की जान बचा कर फ्रेंडशिप डे के दिन उन्हें नई जिंदगी दी थी।
अमन ने बचाई दोस्त की जिंदगी
छत्तीसगढ़ कोरबा जिले के 15 ब्लाक निवासी 15 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे के पिता ब्रह्म ज्योति जाहिरे पूर्व पुलिसकर्मी हैं। उनके चाचा कमल ज्योति जाहिरे छत्तीसगढ़ शासन में सहायक जनसंपर्क अधिकारी हैं। अमन ज्योति ने अपने दोस्त को बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी थी।
जन्मदिन मनाने के लिए गए थे झरने पर
एक अगस्त 2021 फ्रेंडशिप डे के दिन दोपहर लगभग दो बजे अपने एक मित्र का जन्मदिन मनाने के लिए शहर से 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट पर साखोला झरना के पास गए थे। इसी दौरान कक्षा 12 वीं में पढ़ रहा छात्र आशीष ठाकुर, जलप्रपात के किनारे अपना हाथ-पैर धोने के लिए गया। इस दौरान उसका पैर चट्टान पर फिसल गया, जिसके कारण वह नीचे गिरा और पानी के तेज धार में बहने लगा।
आशीष का फिसला था पैर
वहीं, आगे एक गहरी खाई होने के कारण उसमें गिरने का खतरा था। खतरनाक फिसलन चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए। आशीष को तैरना नहीं आता था और वे बचाने के लिए लोगों को पुकारने लगा। अपने से उम्र में बड़े आशीष को बचाने के लिए 15 वर्षीय छात्र अमनज्योति पानी के तेज बहाव में कूद गया। अमन को भी तैरना नहीं आता था, वह यह सोचकर कि मित्र को किसी भी तरह बचाने की कोशिश कर लेगा, वह पानी में कूद गया।
दो दोस्त कूदे थे पानी में
पानी में चट्टानों के बीच बहते हुए अपने मित्र आशीष को अमन ने पकड़ लिया। कुछ देर तक आशीष को रोक कर रखने के बाद एक अन्य मित्र दीपांशु के पहुंच जाने से वे दोनों आशीष को निकाल कर किनारे ले आए। पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था। किनारे पर लाकर उन्होंने आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाला। अमन की सूझबूझ व साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई।
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