भारतीय नौसेना में शामिल होगी कैलवरी क्लास की सबमरीन Vagir, दुश्मन को चकमा देने में है माहिर
Submarine INS Vagir आईएनएस वागीर को समंदर के अंदर 350 मीटर की गहराई में तैनात किया जा सकता है। ये स्टेल्थ तकनीकों से लैस है। ये बेहद घातक और पूरी तरह से स्वदेशी पनडुब्बी है। 23 जनवरी 2023 को ये इंडियन नेवी को मिल जाएगी।
मुंबई, एएनआई। Kalvari Class Submarine Vagir: भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है। 23 जनवरी 2023 को इंडियन नेवी को आधुनिक कैलवरी क्लास की अटैक सबमरीन वागीर मिल जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि भारत में इन पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) मुंबई द्वारा मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है। कलवरी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।
जरूरतों को पूरा करने में सक्षम
कमांडिंग ऑफिसर कमांडर दिवाकर एस ने बताया कि आईएनएस वगीर (INS Vagir) को तट के साथ-साथ समुद्र में तैनात किया जा सकता है। ये नौसेना और देश की सभी जरूरतों को पूरा करने के में सक्षम है। ये आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये पांचवीं कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी है। उन्होंने कहा कि ये गर्व की बात है कि वागीर का निर्माण पूरी तरह से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। इसके अधिकांश परीक्षण नौसेना और एमडीएल द्वारा एक साथ किए गए है।
Mumbai | The fifth Kalvari-class submarine 'Vagir' will be commissioned in the Indian Navy on January 23. It has been built indigenously at Mazagon Dock Shipbuilders Limited in Mumbai. pic.twitter.com/QFNdXK2ANo
— ANI (@ANI) January 21, 2023
घातक है INS Vagir
बता दें कि आईएनएस वागीर को समंदर के अंदर 350 मीटर की गहराई में तैनात किया जा सकता है। ये स्टेल्थ तकनीकों से लैस है। ये बेहद घातक और पूरी तरह से स्वदेशी पनडुब्बी है। इसमें एंटी-शिप मिसाइलों को भी लगाया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आएगी। ये लंबे समय तक पानी में रह सकती है। आईएनएस वागीर 221 फीट लंबी है। ये पानी के अंदर 50 दिनों तक रह सकती है। इसमें 8 नौसेना अधिकारी और 35 सैनिक तैनात हो सकते हैं।
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